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Gold Rate Today: सोने में गिरावट जारी, दबाव नहीं घटा तो गिरकर कहां तक जाएंगी कीमतें?

गोल्ड में 10 जून को भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। देश और विदेश में इसकी कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड की कीमतें टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच चल रही बातचीत के नतीजों पर निर्भर करेंगी

अपडेटेड Jun 10, 2025 पर 12:14 PM
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.6 फीसदी फिसलकर 3,307.72 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.8 फीसदी लुढ़ककर 3,327.50 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा था।

सोने में गिरावट का सिलसिला जारी है। 10 जून को देश और विदेश दोनों में गोल्ड में बड़ी गिरावट देखने को मिली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.6 फीसदी फिसलकर 3,307.72 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.8 फीसदी लुढ़ककर 3,327.50 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा था। इधर, इंडिया में कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली। 11:45 बजे गोल्ड फ्यूचर्स 455 रुपये यानी 0.47 फीसदी की गिरावट के साथ 96,718 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था।

अमेरिका और चीन की बातचीत पर नजरें

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर लंदन में बातचीत चल रही है। पहले दिन की बातचीत अच्छी रहने की खबर है। उधर, डॉलर इंडेक्स में मजबूती दिखी है। यह 0.3 फीसदी चढ़ा है। डॉलर के मजबूत होने से दूसरी करेंसी में Gold खरीदना महंगा हो जाता है। इसका असर गोल्ड की कीमतें पर पड़ता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अमेरिका और चीन के बीच बातचीत सफल रहती है तो गोल्ड की चमक फीकी पड़ सकती है।


अमेरिका में इनफ्लेशन बढ़ा तो गोल्ड की चाल बदल सकती है

एनालिस्ट्स की नजरें अमेरिकी में इनफ्लेशन के डेटा पर भी है। यह डेटा 11 जून को आएगा। केसीएम ट्रेड के चीफ मार्केट एनालिस्ट टिम वाटरर ने कहा कि अगर अमेरिका में इनफ्लेशन ज्यादा बढ़ता है तो इससे गोल्ड की डिमांड बढ़ेगी। इससे इसकी कीमतों में उछाल दिख सकता है। गोल्ड का प्रदर्शन आम तौर पर तब बेहतर होता है जब दुनिया में उथलपुथल की स्थिति होती है। इंटरेस्ट रेट्स में कमी के माहौल में भी गोल्ड की चमक बढ़ जाती है।

अप्रैल में गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी

गोल्ड की कीमतों पर अमेरिका-चीन की बातचीत के नतीजों का असर पड़ेगा। अगह दोनों देशों में डील हो जाती है तो गोल्ड पर गिरावट का दबाव बढ़ सकता है। ऐसे में कीमते 3300 डॉलर से नीचे फिसल सकती हैं। अप्रैल में गोल्ड ने ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बनाया था। तब कीमतें 3500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई थी। इंडिया बुलियन एंड ज्लैवर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट अक्ष कंबोज ने कहा कि केंद्रीय बैंकों की गोल्ड की लगातार खरीदारी के बावजूद इसकी कीमतें गिर रही हैं। अब नजरें अमेरिका-चीन की बातचीत और अमेरिका में इनफ्लेशन के डेटा पर टिकी हैं।

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शॉर्ट टर्म में दबाव जारी रह सकता है

शॉर्ट टर्म में गोल्ड की कीमतों में गिरावट दिख सकती है। ऐसे में भाव 3300 डॉलर के नीचे जा सकता है। इनवेस्टर्स को अमेरिका-चीन की बातचीत के नतीजों और अमेरिका में रिटेल इनफ्लेशन के डेटा पर नजर रखने की जरूरत है। पिछले 1-2 सालों में गोल्ड का रिटर्न शानदार रहा है। इसने दूसरे एसेट क्लास से ज्यादा रिटर्न दिया है। इस साल यानी 2025 में अब तक गोल्ड का प्रदर्शन अच्छा रहा है।

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