गोल्ड ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बना दिया है। 16 अप्रैल को यह 3,266.65 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। इधर, इंडिया में कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड में तूफानी तेजी दिखी। गोल्ड फ्यूचर्स 16 अप्रैल को शुरुआती कारोबार में 1,079 रुपये यानी 1.15 फीसदी के उछाल के साथ 94,530 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। 15 अप्रैल को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने का भाव 96,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था। इससे पहले इंडिया में गोल्ड कभी इस लेवल पर नहीं गया था।
गोल्ड ने निवेशकों को किया मालामाल
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में इंडिया में स्पॉट गोल्ड (Spot Gold) की कीमतें 32 फीसदी चढ़ीं। यह स्टॉक मार्केट के रिटर्न से काफी ज्यादा है। इस दौरान निफ्टी ने 5 फीसदी से थोड़ा ज्यादा रिटर्न दिया। 2025 की शुरुआत से ही Gold में तेजी दिख रही है। यह इस साल 15 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है।
गोल्ड ईटीएफ में बढ़ी निवेशकों की दिलचस्पी
इनवेस्टर्स न सिर्फ फिजिकल गोल्ड खरीद रहे हैं बल्कि वे गोल्ड ईटीएफ में भी निवेश कर रहे हैं। गोल्ड ईटीएफ ने कई दूसरे एसेट्स के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है। 2024 में गोल्ड ईटीएफ का औसत रिटर्न 20 फीसदी था। गोल्ड में तेजी की मुख्य वजह वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता की स्थिति है। इसमें सबसे बड़ा हाथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का है।
गोल्ड की कीमतें किस दिशा में जाएंगी? इस सवाल का सही जवाब देना तो मुश्किल है लेकिन दुनिया खासकर ग्लोबल इकोनॉमी की जो तस्वीर दिख रही है, उसमें गोल्ड में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बने रहने की उम्मीद है।
इन तीन वजहों से गोल्ड में जारी रहेगी तेजी
केंद्रीय बैंक खरीद रहे हैं गोल्ड
गोल्ड की कीमतों में तेजी की सबसे बड़ी वजह यह है कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंक गोल्ड में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं। RBI ने गोल्ड का अपना रिजर्व 72.6 टन बढ़ाया है। इससे 2024 में आरबीआई का गोल्ड रिजर्व 876.18 टन पर पहुंच गया।
जियोपॉलिटिकल टेंशन बना हुआ है
दुनिया में जियोपॉलिटिकल टेंशन बना हुआ है। रूस-यूक्रेन के बीच शांति बहाल होती नहीं दिख रही है। इधर, मिडिल ईस्ट में इजरायल और फलिस्तीन के बीच टकराव जारी है। अब तो अमेरिका और चीन के बीच नया आर्थिक युद्ध शुरू होता दिख रहा है। ऐसे में गोल्ड की चमक बढ़ने के आसार हैं।
ग्लोबल ट्रेड वॉर बढ़ने के आसार
ग्लोबल ट्रेड वॉर बढ़ता दिख रहा है। इस साल जनवरी में ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका सहित दुनियाभर के स्टॉक मार्केट्स में काफी उतारचढ़ाव देखने को मिल रहा है। इंडिया सहित कई देश अमेरिका से टैरिफ को लेकर बातचीत कर रहे हैं। लेकिन, अमेरिकी टैरिफ और बढ़ते टैरिफ वॉर का ग्लोबल इकोनॉमी पर कितना असर पड़ेगा, यह अभी कहना मुश्किल है।
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गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर चल रही हैं। ऐसे में गोल्ड में मुनाफावसूली के मौके बन रहे हैं। मुनाफावसूली की वजह से गोल्ड में तेज गिरावट आ सकती है। यह मौका आपके लिए गोल्ड में निवेश बढ़ाने का होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आपके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में 10-15 फीसदी गोल्ड होना चाहिए। यह आपके पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन में मदद करता है। किसी वजह से अगर शेयरों में तेज गिरावट आती है तो गोल्ड आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू गिरने से बचाता है।