सोने में 4 जून को तेजी दिखी। इकोनॉमिक स्लोडाउन के संकेतों और जियोपॉलिटिकल टेंशन का असर गोल्ड की कीमतों पर पड़ा। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स दोपहर में 544 रुपये यानी 0.56 फीसदी की तेजी के साथ 97,069 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था। विदेश में भी सोने में तेजी देखने को मिली। स्पॉट गोल्ड 0.6 फीसदी चढ़कर 3,370.67 डॉलर प्रति औंस पहुंच गया। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.5 फीसदी उछाल के साथ 3,394.90 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा था।
डॉलर में कमजोरी से भी गोल्ड को मिल रहा सपोर्ट
एक्सपर्ट्स का कहना है कि Gold की कीमतों में तेजी की कई वजहें हैं। इनमें जियोपॉलिटिकल टेंशन, इकोनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती के संकेत और डॉलर इंडेक्स में कमजोरी का हाथ है। डॉलर में कमजोरी से दूसरी करेंसी खरीदना सस्ता हो जाता है। इसका असर गोल्ड की डिमांड पर पड़ता है। OANDA में सीनियर मार्केट एनालिस्ट केल्विन वोंग ने कहा, "डॉलर में कमजोरी से सोने में खरीदारी लौटी है। उधर, जियोपॉलिटिकल रिस्क खासकर चीन और अमेरिका के बीच तनातनी से गोल्ड की चमक बढ़ी है।"
99,500 पर गोल्ड को मिलेगा रेसिस्टेंस
ब्रोकरेज फर्म एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी जतीन त्रिवेदी ने कहा कि गोल्ड में कंसॉलिडेशन है। हालांकि, ट्रेंड बुलिश बना हुआ है। गोल्ड को 95,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर सपोर्ट है। इसे 99,500 पर रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ेगा। इंडिया बुलियन ज्वैवलर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट आकाश कंबोज ने कहा, "ओईसीडी ने ग्लोबल ग्रोथ के आउटलुक को घटाया है। इससे निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में गोल्ड की चमक बढ़ी है।" शॉर्ट टर्म में गोल्ड की कीमतों में उतारचढ़ाव जारी रह सकता है। लेकिन, लॉन्ग टर्म में इसका आउटलुक स्ट्रॉन्ग है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटेल इनवेस्टर्स को गोल्ड में उतारचढ़ाव पर ज्यादा फोकस करने की जरूरत नहीं है। इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड होना जरूरी है। यह पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन के लिए जरूरी है। फाइनेंशियल एडवाइजर्स इनवेस्टमेंट पोर्टपोलियो में 10-15 फीसदी गोल्ड रखने की सलाह देते हैं। इससे इक्विटी में तेज गिरावट की स्थिति में पोर्टफोलियो के नुकसान को कम करने में मदद मिलती है। अगर आपके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड नहीं है या इसकी हिस्सेदारी बहुत कम है तो गोल्ड में गिरावट के हर मौके का इस्तेमाल आप खरीदारी के लिए कर सकते हैं।
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ऐसे कर सकते हैं गोल्ड में निवेश
अब गोल्ड में निवेश के कई विकल्प मार्केट में उपलब्ध हैं। पहला विकल्प गोल्ड ईटीएफ का है। इसमें घर बैठे निवेश किया जा सकता है। दूसरा विकल्प म्यूचुअल फंड्स की गोल्ड स्कीमें हैं। इसके लिए डीमैट जरूरी है, जबकि गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम से आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं। इनमें SIP के जरिए भी निवेश किया जा सकता है।