RBI के नए नियमों से गोल्ड लोन के लाखों ग्राहकों को हो सकती है मुश्किल, जानिए क्या है पूरा मामला

कई बैंकर्स का मानना है कि गोल्ड लोन के आरबीआई के नियमों के लागू होने से गोल्ड लोन लेना मुश्किल हो जाएगा। इससे सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को होगा, जिनके लिए गोल्ड लोन बड़ा सहारा रहा है। ऐसे लोग फिर से ज्यादा ब्याज पर सूदखोरों के पास जाने को मजबूर होंगे

अपडेटेड Jun 03, 2025 पर 12:36 PM
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आरबीआई के नए नियमों में कंजम्प्शन लोन के लिए मैक्सिमम 12 महीने की लोन अवधि तय की गई है। 75 फीसदी LTV की सीमा रखी गई है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने गोल्ड लोन के नए नियमों का ड्राफ्ट 9 अप्रैल को पेश किया था। इस ड्राफ्ट के बारे में फाइनेंशियल सेक्टर में काफी चर्चा हुई है। खासकर बैंकर्स ने इस पर काफी प्रतिक्रिया जताई है। उनका मानना है कि इस नियम से उन लोगों को दिक्कत हो सकती है, जो अचानक पैसे की जरूरत पूरी करने के लिए गोल्ड गिरवी रखकर लोन लेते हैं। उधर, नए नियम पेश करने के पीछ आरबीआई का मकसद गोल्ड लोन लेने वाले लोगों के हितों की रक्षा है। इसके लिए केंद्रीय बैंक कमर्शियल बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक और एनबीएफसी के गोल्ड लोन के नियमों में समानता चाहता है।

सूदखोर के पास जाने को मजबूर हो सकते हैं लोग

कम इनकम या कम पैसे वाले लाखों लोग हर साल गोल्ड (Gold Loan) लोन लेते हैं। बैंकर्स का मानना है कि गोल्ड लोन के नियमों को सख्त बनाने से गोल्ड लोन लेने वाले लोग फिर से ज्यादा ब्याज पर सूदखोर जैसे लोगों से कर्ज लेने को मजबूर होंगे। नई गाइडलाइंस पेश करने के पीछे RBI का मकसद सही है। लेकिन, इसका गोल्ड लोन मार्केट पर खराब असर पड़ेगा। ग्राहकों के लिए कर्ज की जरूरत पूरा करने का यह एक आसान माध्यम रहा है।


गोल्ड ओनरशिप वेरिफाय करने के नियम से होगी दिक्कत

प्रस्तावित नए नियमों में एक प्रावधान यह है कि गोल्ड लोन देने वाले बैंक या एनबीएफसी को गिरवी रखे गए गोल्ड की ओनरशिप को वेरिफाय करना होगा। गोल्ड गिरवी रखने वाला व्यक्ति अगर गोल्ड खरीदने की रसीद नहीं पेश कर सकता तो उसे दूसरे तरह का सबूत यह बताना के लिए पेश करना होगा कि जो गोल्ड वह गिरवी रख रहा है, वह उसका है। बैंकर्स का कहना है कि इस नियम से ग्राहकों खासकर गांव में रहने वाले लोगों के लिए गोल्ड लोन लेना मुश्किल हो जाएगा।

ग्राहकों को कम अमाउंट का मिलेगा गोल्ड लोन

बुलेट रीपेमेंट वाले लोन के लिए लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो की जो परिभाषा तय की गई है, उस पर सवाल उठाए गए हैं। बुलेट रिपेमेंट वाले लोन का मतलब ऐसे गोल्ड लोन से है, जिसमें मूलधन और इंटरेस्ट का पेमेंट लोन की अवधि पूरे हो जाने पर किया जाता है। नए नियमों की वजह से ग्राहकों को कम अमाउंट का लोन मिलेगा। इससे उन लोगों को दिक्कत होगी, जो खेती की जरूरतें पूरी करने या इमर्जेंसी की स्थिति में गोल्ड लोन लेकर अपनी जरूरतें पूरी करते हैं। आरबीआई के नए नियमों में कंजम्प्शन लोन के लिए मैक्सिमम 12 महीने की लोन अवधि तय की गई है। 75 फीसदी LTV की सीमा रखी गई है।

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कम पैसे वाले लोगों को गोल्ड लोन से होती है आसानी

नए नियमों से बैंकिंग सिस्टम के लिए तो रिस्क घटेगा लेकिन उन लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा, जिनके हितों की रक्षा के लिए RBI नए नियम पेश कर रहा है। गोल्ड लोन उन लोगों के लिए पैसे का एक आसान स्रोत है, जिन्हें दूसरे स्रोतों से पैसा जुटाना मुश्किल है। कम इनकम वाले लाखे परिवार, छोटे किसान और छोटे उद्यमी घर में रखे ज्वैलरी को बैंकों के पास गिरवी रखकर गोल्ड लोन लेते हैं।

MoneyControl News

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First Published: Jun 03, 2025 12:28 PM

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