गोल्ड की कीमतें नए ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई हैं। घरेलू बाजार में सोना 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब है। विदेश में भाव 3,000 डॉलर प्रति औंस के पार जा चुका है। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और इकोनॉमी के मंदी में जाने की आशंका से गोल्ड की डिमांड बढ़ी है। इसका असर इसकी कीमतों पर दिख रहा है। गोल्ड को निवेश का सबसे सुरक्षित इनवेस्टमेंट ऑप्शन माना जाता है। दुनिया में अनिश्चितता बढ़ने पर गोल्ड की डिमांड बढ़ जाती है।
पिछले हफ्ते कीमतों में 3 फीसदी उछाल
कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स (MCX) में 18 मार्च की सुबह गोल्ड फ्यूचर्स (Gold Futures) 369 रुपये यानी 0.40 फीसदी की तेजी के साथ 88,375 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, गोल्ड (999 प्योरिटी) की कीमत 17 मार्च को 88,100 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। पिछले हफ्ते गोल्ड (Gold) में करीब 3 फीसदी तेजी देखने को मिली। घरेलू और विदेशी दोनों ही मार्केट्स में गोल्ड की कीमत अपने रिकॉर्ड हाई पर हैं।
टैरिफ वॉर ने बढ़ाई गोल्ड की चमक
ब्रोकरेज फर्म एंजल वन के एनालिस्ट प्रथमेश माल्या ने कहा, "ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से इनफ्लेशन और आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने की आशंका है। इससे गोल्ड 2025 में ऊंचाई के नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है। पॉलिटिकल रिस्क और इनफ्लेशन के बीच गोल्ड को हेजिंग का जरिया माना जाता है।" कई देशों के केंद्रीय बैंक गोल्ड में निवेश बढ़ा रहे हैं। कोविड के बाद से ही गोल्ड की डिमांड स्ट्रॉन्ग रही है, जिससे इसकी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
गोल्ड के लिए शानदार रह सकता है साल 2025
क्वांटम म्यूचुअल फंड के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर चिराग मेहता ने कहा कि 2025 गोल्ड के लिए शानदार रहा है। उतारचढ़ाव के बीच यह लगातार उंचाई के नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है। दुनिया में बढ़ते टैरिफ वॉर का निशाना गोल्ड नहीं है। लेकिन, आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने की वजह से इनवेस्टर्स गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं। इससे इसकी कीमतें चढ़ रही हैं। टैरिफ वॉर की वजह से अमेरिकी इकोनॉमी की मंदी की आशंका से गोल्ड की कीमतों को सपोर्ट मिला है।
2024 में गोल्ड ने दिया 20 फीसदी रिटर्न
गोल्ड ने 2024 में 20 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया, जबकि निफ्टी का रिटर्न 8.7 फीसदी रहा। इस बीच, अमेरिका और इंडिया में इनफ्लेशन में नरमी के संकेत मिले हैं। इससे 2025 में इंटरेस्ट रेट में कमी की उम्मीद बढ़ी है। एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के अजय गर्ग ने कहा कि जब लोगों को लगेगा कि इंटरेस्ट रेट घटने जा रहा है तो वे ज्यादा रिटर्न के लिए गोल्ड में निवेश करना चाहेंगे। इसका मतलब है कि गोल्ड में 2025 में भी तेजी जारी रहेगी।
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। इसके बावजूद इसमें तेजी की गुंजाइश बनी हुई है। ऐसे में निवेशकों का फोकस गोल्ड से प्रॉफिट कमाने की जगह डायवर्सिफिकेशन पर होना चाहिए। गोल्ड इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को डायवर्सिफायड बनाता है। इससे लंबी अवधि में रिस्क मैनेज करने में आसानी होती है। अगर आपके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड नहीं है या उसकी हिस्सेदारी कम है तो हर गिरावट पर आप गोल्ड में थोड़ी-थोड़ी खरीदारी कर सकते हैं।