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Gold Rate Today: बड़ी गिरावट के बाद गोल्ड में लौटी तेजी, आपको क्या करना चाहिए?

बीते हफ्ते शुक्रवार को गोल्ड 1.6 फीसदी फिसला था। अब गोल्ड में तेजी लौट आई है। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि गोल्ड में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, बीच-बीच में मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। इनवेस्टर्स की नजरें अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी पर लगी हैं

अपडेटेड Feb 17, 2025 पर 3:32 PM
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कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में 17 फरवरी को गोल्ड फ्यूचर्स में तेजी दिखी। यह सुबह 10 बजे 359 रुपये यानी 0.42 फीसदी चढ़कर 85,037 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था।

बड़ी गिरावट के बाद गोल्ड में तेजी लौट आई है। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में 17 फरवरी को गोल्ड फ्यूचर्स में तेजी दिखी। यह सुबह 10 बजे 359 रुपये यानी 0.42 फीसदी चढ़कर 85,037 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था। 14 फरवरी यानी शुक्रवार को ग्लोबल मार्केट में गोल्ड में बड़ी गिरावट आई थी। यह 1.6 फीसदी गिरकर 2,886 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया था। इससे पहले 13 फरवरी को गोल्ड 2,942.68 डॉलर प्रति औंस के हाई पर पहुंच गया था।

3000 डॉलर पार कर सकता है गोल्ड

मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि बीते हफ्ते शुक्रवार को बड़ी गिरावट के बाद गोल्ड (Gold) में तेजी लौट आई है। फिलहाल, गोल्ड का आउटलुक पॉजिटिव दिख रहा है। अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ पॉलिसी को लकर अनिश्चितता खत्म नहीं होती है तो गोल्ड शॉर्ट टर्म में 3,000-3,080 डॉलर प्रति औंस को पार कर सकता है। साल 2025 गोल्ड के लिए अच्छा रहा है। इस साल अब तक गोल्ड का रिटर्न 10 फीसदी से ज्यादा रहा है। यह शेयर और बिटकॉइन के रिटर्न से ज्यादा है।


ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी पर लगी हैं नजरें

अमेरिका का रेसिप्रोकल टैरिफ 1 अप्रैल के बाद लागू हो सकता है। इसके लागू होने पर ट्रेड वॉर बढ़ सकता है। दूसरा, इससे इनफ्लेशन भी बढ़ सकती है। ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितितता बढ़ने पर गोल्ड में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी। दुनिया में जब कभी अनिश्चितता बढ़ती है, गोल्ड की चमक बढ़ जाती है। इसकी वजह यह है कि गोल्ड निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है। पिछले साल जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने का असर गोल्ड पर पड़ा था।

जियो-पॉलिटिकल टेंशन घटने का पड़ेगा असर

डॉलर इंडेक्स में 17 फरवरी को नरमी देखने को मिली। यह 106 के लेवल पर था। बीते एक महीने में इसमें 2 फीसदी से ज्यादा कमजोरी आई है। डॉलर में कमजोरी से दूसरी करेंसी में गोल्ड खरीदना सस्ता हो जाता है। केसीएम ट्रेड के चीफ मार्केट एनालिस्ट टिम वाटरर ने कहा कि अगर अमेरिकी और रूस के अधिकारियों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने को लेकर समझौता हो जाता है तो इसका असर गोल्ड पर पड़ेगा। गोल्ड की चमक फीकी पड़ सकती है।

आपको क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड होना जरूरी है। जिन निवेशकों के पोर्टफोलियो में गोल्ड नहीं है, वे गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, गोल्ड में एकमुश्त निवेश की जगह धीर-धीरे निवेश करना ठीक रहेगा। हर गिरावट पर इनवेस्टर्स गोल्ड में थोड़ी-थोड़ी खरीदारी कर सकते हैं। डिजिटल गोल्ड में भी निवेश का विकल्प है। इनवेस्टर्स गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Feb 17, 2025 11:02 AM

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