Gold Price : सोने की कीमत में आज 4 अप्रैल को जबरदस्त उछाल आया है और इसने नई ऊंचाई को छू लिया। आज सोने की कीमतें 2300 डॉलर प्रति औंस से ऊपर चली गईं। आज लगातार 8वें दिन सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। दरअसल, उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व 2024 में दरों में कटौती करेगा। वहीं, केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की मजबूत डिमांड बने रहने की उम्मीद है। इस अनुमान के बीच सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है। सोने की कीमत ने आज 2304.96 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर को छू लिया।
फेड बॉस जेरोम पॉवेल ने 3 अप्रैल को कहा कि "इस साल किसी समय" बॉरोइंग कॉस्ट में कटौती करना उचित होगा। सितंबर 2023 में 1810 डॉलर के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद हाल के महीनों में सराफा में 500 डॉलर प्रति औंस की बढ़ोतरी हुई है।
भारत में सोने की कीमत 70,248 रुपये पर
भारत में सोने की कीमत 70,248 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई पहुंच गई है। पिछले साल इस समय के दौरान इसकी कीमत 56,000 रुपये से 57,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच थी। यूक्रेन और मध्य पूर्व में जियो पॉलिटिकल टेंशन के साथ-साथ ग्लोबल सेंट्रल बैंकों की रिकॉर्ड खरीदारी ने सोने की कीमतों में बढ़ोतरी में योगदान दिया है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, केंद्रीय बैंकों ने अपनी सोने की होल्डिंग में वृद्धि जारी रखी है। उन्होंने 2022 में 1,136 टन के साथ रिकॉर्ड सोना खरीदा। फरवरी में केंद्रीय बैंकों ने लगातार सोन खरीदा है। यह सोने में केंद्रीय बैंकों की खरीदारी का लगातार नौवां महीना है। इसमें चीन का केंद्रीय बैंक सबसे आगे है। उसके बाद इंडिया और कजाकिस्तान का नंबर है।
सोने की ग्लोबल मार्केट कैपिटल 15.57 ट्रिलियन डॉलर आंकी गई है। सिटी ग्रुप ने 2024 की दूसरी छमाही में सोने की कीमत 2300 डॉलर प्रति औंस के आसपास रहने की भविष्यवाणी की है, जबकि जेपी मॉर्गन का मानना है कि यह 2,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाएगी। इस साल के अंत के लिए तय सोने के सभी लक्ष्य 2024 के चौथे महीने में ही हासिल कर लिए गए हैं और गोल्ड 2,300 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई पर है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमतें सुधार की ओर बढ़ने से पहले 2025 की दूसरी छमाही तक स्थिर बनी रह सकती हैं।
भारत में आमतौर पर सोने का बड़ा हिस्सा फिजिकल गोल्ड के रूप में खरीदा जाता है और उस पर अच्छा रिटर्न मिलता है। बहुत से होल्डर्स मौजूदा स्तर पर सोना नहीं भुना रहे हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि इसकी कीमत और ऊपर जाएगी। यह भी बताया जा रहा है कि ज्वेलरी बायर्स पुराने आभूषणों को नए से बदल रहे हैं या अपने बजट के अनुसार खरीद रहे हैं। भारत में यह देखा गया है कि निवेशक लंबी अवधि के लिए सोना खरीदते हैं, हालांकि इससे उन्हें डिविडेंड या बोनस नहीं मिलता है, यह एक अच्छा पोर्टफोलियो डायवर्सिफायर है। इसलिए, अगर आप लंबी अवधि के लिए फिजिकल गोल्ड खरीदना चाह रहे हैं, तो किसी भी गिरावट पर खरीदारी कर सकते हैं। अपना सोना तभी बेचें जब आपको पैसों की जरूरत हो।
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