Gold silver rally: अब गोल्ड-सिल्वर के पीछे भागने पर हो सकता है नुकसान, वेल्थ मैनेजर्स ने किया आगाह
Gold silver rally: पिछले एक साल में सोना और चांदी ने शानदार रिटर्न दिए हैं। इसे देखकर कई लोग जल्दबाजी में सोना-चांदी खरीदने का फैसला कर रहे हैं। वेल्थ मैनेजर्स का कहना है कि इससे निवेशकों को भारी नुकसान हो सकता है। जानिए डिटेल।
एक्सपर्ट के मुताबिक, सोना और चांदी की हालिया रैली, खासकर डॉलर में, बेहद मजबूत रही है।
Gold silver rally: पिछले एक साल में सोना और चांदी ने हैरतंगेज रिटर्न दिए हैं। इससे निवेशकों की हमेशा की आदत फिर सामने आई है, जो हालिया प्रदर्शन को देखकर निवेश करते हैं। The Wealth Formula के दिवाली ब्लॉकबस्टर राउंडटेबल में एन महालक्ष्मी से बातचीत में शीर्ष प्राइवेट बैंकर्स ने बताया कि कीमती धातुएं ग्राहकों के पोर्टफोलियो में हेज बनी रहती हैं, लेकिन हाल की तेज बढ़त में सतर्क रहने की जरूरत है।
निवेशकों के व्यवहार का असर
आनंद राठी वेल्थ के जॉइंट सीईओ फिरोज अजीज ने निवेशकों के फैसलों में Recency Bias यानी हालिया प्रदर्शन पर फोकस करने की अहमियत बताई। उन्होंने कहा, 'Recency bias अधिकतर निर्णयों में हावी हो जाता है… ज्यादातर लोग उस समय किसी संपत्ति को बेचते हैं, जब उन्हें खरीदना चाहिए।'
अजीज ने कहा कि इस तरह से निवेश करना अक्सर निवेशकों को पीक पर एंट्री और जल्दी बाहर निकलने की स्थिति में डाल देता है। मतलब कि आप गोल्ड को ही हालिया प्रदर्शन देखकर 1.3 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पर खरीद लेंगे। फिर जब कीमतों में थोड़ी गिरावट आएगी, तो आपका घबराहट में नुकसान में बेच देंगे।
टूट चुके हैं सभी रेजिस्टेंस लेवल
अजीज ने बताया कि सोना और चांदी की हालिया रैली, खासकर डॉलर में, बेहद मजबूत रही है। उन्होंने कहा, 'हमने सबसे बड़ी तकनीकी रैलियों में से एक देखी है। लगभग सभी संभावित रेजिस्टेंस टूट चुके हैं। इसलिए, मेरी व्यक्तिगत राय है कि अभी खरीदने का सबसे अच्छा समय नहीं है।'
उन्होंने चेताया कि भले ही निवेश करने की इच्छा मजबूत हो, लेकिन FOMO (डर के चलते निवेश) द्वारा आने वाले फ्लो स्थायी नहीं रह सकते। साथ ही, निकट भविष्य में एक ब्रेक या स्लो डाउन की आशंका है।
लंबी अवधि की रणनीति जरूरी
वेल्थ मैनेजर्स ने जोर दिया कि लंबी अवधि की पोर्टफोलियो रणनीति को अल्पकालिक उत्साह पर प्राथमिकता देनी चाहिए। अजीज ने कहा, '5 साल के रोलिंग पीरियड में सही फंड मैनेजर चुनने पर इक्विटी रिटर्न अभी भी सोने जैसी कमोडिटी की तुलना में बेहतर होने की संभावना है।”
उन्होंने एक्टिव मैनेजमेंट की अहमियत पर भी जोर डाला। क्योंकि सही फंड मैनेजर के तहत निवेशक अतिरिक्त रिटर्न हासिल कर सकते हैं।
निवेशकों की अलोकेशन में बदलाव
विशेष रूप से हाई-नेट-वर्थ निवेशक अब अपनी अलोकेशन संतुलित कर रहे हैं। वे सोने और चांदी के आकर्षण को इक्विटी और अन्य एसेट क्लास के साथ बैलेंस कर रहे हैं।
अजीज ने कहा, 'कुल मिलाकर, निवेशक पिछले प्रदर्शन को जरूर फॉलो करेंगे, लेकिन इस बार ज्यादा लंबा नहीं। जैसे ही रैली रुकती है और कुछ साइडवेज या गिरावट आती है, फ्लो थोड़ा संतुलित हो जाएगा।' इससे स्पष्ट होता है कि निवेशक अभी भी सावधानी से कदम बढ़ा रहे हैं और रैली का पूरा फायदा जल्दी में नहीं उठाना चाहते।
सोना और चांदी को बड़े नजरिए से देखें
अब साल अपने अंत की ओर है। ऐसे में वेल्थ मैनेजर्स की अपने ग्राहकों को यह है कि सोना और चांदी को केवल शॉर्ट टर्म खेल के रूप में न देखें, बल्कि इसे व्यापक डाइवर्सिफिकेशन रणनीति का हिस्सा मानें।
FOMO और Recency Bias जैसे व्यवहारिक प्रभावों को ध्यान में रखना जरूरी है। इस पूरे माहौल में निवेशक सबक सीख सकते हैं कि तेज रिटर्न देखकर जल्दबाजी में निवेश करने से बचना चाहिए और लंबी अवधि की योजना पर भरोसा रखना चाहिए।
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