Gold Silver MCX Rule: त्योहारी सीजन में जहां सोना-चांदी के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। वहीं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX) ने ट्रेडिंग को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। एक्सचेंज ने सोने और चांदी दोनों के फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स पर मार्जिन बढ़ाने का ऐलान किया है। ये बदलाव आज 14 अक्टूबर से लागू हो गए हैं। यह कदम बाजार में बढ़ती अस्थिरता और जोखिम पर कंट्रोल करने के लिए उठाया गया है। यहां जानिये क्या ज्वैलरी बायर्स पर बड़ेगा असर?
सोने-चांदी पर होता अब इतना मार्जिन
नए सिस्टम के तहत चांदी पर मार्जिन 1.5% बढ़ाकर 11.5% कर दिया गया है। जबकि, सोने पर मार्जिन 1% बढ़ाकर 7% कर दिया गया है। यह बदलाव आज 14 अक्टूबर 2025 से लागू हो गए हैं। MCX का कहना है कि हाल के दिनों में चांदी की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, इसलिए यह कदम रिस्क मैनेजमेंट का हिस्सा है।
क्या होग निवेशकों पर असर?
यह नियम आम खरीदारों या ज्वेलरी निवेशकों के लिए नहीं, बल्कि फ्यूचर्स मार्केट में ट्रेड करने वालों के लिए लागू होगा। अब ट्रेडर्स को पहले से ज्यादा रकम सेफ्टी के तौर पर रखनी होगी। यह इसलिए जरूरी है ताकि मार्केट में अचानक गिरावट आने पर नुकसान को सीमित रखा जा सके।
पहले जहां सोने या चांदी में ट्रेड करने के लिए कम पैसा लगता था, अब वही ज्यादा लगेगा क्योंकि मार्जिन रेट बढ़ गया है। इससे हाई लेवरेज वाले या बड़ी क्वाटिंटी में ट्रेड करने वाले निवेशकों पर सीधा असर पड़ेगा। छोटे कॉन्ट्रैक्ट्स जैसे 1 किलो या 10 ग्राम वाले वेरिएंट, अब ज्यादा फेमस हो सकते हैं क्योंकि इन ट्रेड पर लागत कम होगी। हो सकता है कि कुछ निवेशकों को मार्जिन ज्यादा लगे और वह कम ट्रेड करें।
MCX ने बताया कि वैश्विक स्तर पर सिल्वर की कमी के कारण फ्यूचर्स प्राइस स्पॉट प्राइस से नीचे आ गया है, जिसे Backwardation कहा जाता है। यह ट्रेंड भारत में भी देखा जा रहा है। दरअसल, निवेश और इंडस्ट्री डिमांड में तेजी के साथ-साथ त्योहारी सीजन में चांदी की खपत बढ़ने से यह अंतर और बढ़ गया है। MCX के मुताबिक, भारत में सिल्वर की बढ़ती मांग, करेंसी वैल्यू, कस्टम ड्यूटी और लोकल मार्केट के हालातों के कारण असर पड़ा है।
कॉन्ट्रैक्ट्स की डिटेल और डिलीवरी
एक्सचेंज ने बताया कि 30 किलो वाले सिल्वर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स 5 दिसंबर 2025 को खत्म होंगे, जबकि 5 किलो और 1 किलो वाले कॉन्ट्रैक्ट्स 28 नवंबर 2025 को एक्सपायर होंगे। इनकी सेटलमेंट फिजिकल डिलीवरी के माध्यम से की जाएगी।