Insurance policy: इंश्योरेंस पॉलिसी को जल्द जीएसटी से मिल सकती है छूट, जानिए क्या है सरकार का प्लान

IRDAI ने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी में राहत को लेकर अपनी राय दे दी है। इंश्योरेंस पर जीओएम की मीटिंग अप्रैल में हो सकती है। इसमें जीएसटी काउंसिल को अपनी सिफारिशों को वह अंतिम रूप दे सकता है

अपडेटेड Mar 20, 2025 पर 4:58 PM
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अभी लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है।

लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जल्द जीएसटी से राहत मिल सकती है। अप्रैल में इंश्योरेंस पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) की मीटिंग होने की उम्मीद है। इसमें जीओएम जीएसटी काउंसिल को अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देगा। काउंसिल मई में होने वाली अपनी बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। आईआरडीएआई पहले ही इस बारे में अपनी राय दे चुकी है। सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने यह जानकारी दी।

IRDAI ने इस मसले पर आपनी राय दे दी है

अधिकारी ने मनीकंट्रोल से कहा, "IRDAI ने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर GST में राहत को लेकर अपनी राय दे दी है। इंश्योरेंस पर जीओएम की मीटिंग अप्रैल में हो सकती है। इसमें जीएसटी काउंसिल को अपनी सिफारिशों को वह अंतिम रूप दे सकता है। फिर जीएसटी काउंसिल अप्रैल अंत या मई में होने वाली बैठक में राहत देने का फैसला ले सकती है।" उन्होंने कहा कि राज्यों की सरकारें इंश्योरेंस सेक्टर को जीएसटी में राहत देने के लिए तैयार हैं। लेकिन, इस बारे में फैसला नहीं होने की वजह यह है कि आईआरडीएआई ने अपनी राय नहीं दी थी।


21 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक में नहीं हो सका था फैसला

अधिकारी ने बताया कि इस मामले में आईआरडीएआई का शामिल होना जरूरी था। ऐसा होने पर यह आरोप लग सकता था कि मामले में इंश्योरेंस रेगुलेटर की राय नहीं ली गई। बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर सम्राट चौधरी की अगुवाई में जीओएम की बैठक में मामले पर अंतिम फैसला होगा। इससे पहले जीओएम बीमा नियामक की टिप्पणी पर विचार करेगा। इससे पहले 21 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मसले को टाल दिया गया था।

लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां टर्म इश्योरेंस पर छूट नहीं चाहती

जीओएम में 13 सदस्य शामिल हैं। इनमें यूपी के फाइनेंस मिनिस्टर सुरेश कुमार खन्ना, पश्चिम बंगाल की फाइनेंस मिनिस्टर चंद्रीमा भट्टाचार्य और केरल के फाइनेंस मिनिस्ट्र के एन बालगोपाल शामिल हैं। अभी लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों ने टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी खत्म करने का विरोध किया है। उनका मानना है कि इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट का रास्ता बंद हो जाएगा, जिससे पॉलिसीहोल्डर्स के लिए कॉस्ट बढ़ जाएगी।

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लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां छूट का इसलिए कर रही विरोध

अभी इंश्योरेंस कंपनियां आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, मार्केटिंग और एडमिनिस्ट्रेटिव कॉस्ट जैसे बिजनेस एक्सपेंसेज पर चुकाए जाने वाले टैक्स को पॉलिसीहोल्डर्स से वसूले गए टैक्स से एडजस्ट करती हैं। अगर टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम को जीएसटी से छूट दे दी जाती है तो इंश्योरेंस कंपनियां आईटीसी क्लेम नहीं कर पाएंगी। इससे उनके बिजनेस की कॉस्ट बढ़ जाएगी। इसका बोझ आखिर में वे पॉलिसीहोल्डर्स पर डाल देंगी। इससे लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से छूट का फायदा पॉलिसीहोल्डर्स को नहीं मिल पाएगा।

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