अगर आप घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। जीएसटी घटने पर घर की कीमतें कम हो जाएंगी। सरकार ने चार की जगह जीएसटी के सिर्फ 2 स्लैब रखने का फैसला किया है। अगले महीने से इस बदलाव के लागू हो जाने की उम्मीद है। रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार जीएसटी स्ट्रक्चर को आसान बनाने जा रही है, जिसके फायदा डेवलपर्स और घर खरीदारों दोनों को मिलेगा। अभी जीएसटी के चार स्लैब-5%, 12%, 18% और 28% लागू हैं। आगे चार की जगह सिर्फ दो स्लैब-5 फीसदी और 18 फीसदी रह जाएंगे।
कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाली चीजों के दाम घटेंगे
सीबीआरई के चेयरपर्सन और सीईओ (इंडिया, एसई एशिया और मिडिल ईस्ट एंड अफ्रीका) अंशुमान मैग्जीन ने बताया कि कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री पहले से यह कह रही थी कि GST Rates काफी ज्यादा हैं। अगर GST Structure को आसान बनाया जाता है और रेट्स में कुछ कमी की जाती है तो इसका पॉजिटिव असर पड़ेगा। खासकर Cement जैसे इनपुट्स के मामले में काफी राहत मिलेगी, जिसका कंस्ट्रक्शन में काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है।
रियल एस्टेट इंडस्ट्री पर पड़ेगा पॉजिटिव असर
उन्होंने कहा, "अगर कमर्शियल प्रॉपर्टी सेगमेंट की बात की जाए तो जीएसटी के रेट्स घटने से काफी राहत मिलेगी। खासकर इससे ऐसे वक्त राहत मिलेगी जब अमेरिका के 25-50 फीसदी टैरिफ का एक्सपोर्ट पर खराब असर पड़ने के आसार हैं। इससे इनवेस्टर्स वेयरहाउसिंग और फैक्ट्री से जुड़े प्रोजेक्ट्स में निवेश को लेकर सावधानी बरत रहे हैं।" उन्होंने कहा कि ग्लोबल ट्रेड पॉलिसीज को लेकर अनिश्चितता की वजह से फैसले लेने में ज्यादा वक्त लग रहा है। जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती है, ज्यादातर मैन्युफैक्चरर्स और इनवेस्टर्स बड़े निवेश के फैसले टाल रहे हैं।
सीमेंट और पेंट पर जीएसटी के रेट्स सबसे ज्यादा
उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाली चीजों पर जीएसटी घटने से डेवलपर्स को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे रियल एस्टेट सेक्टर की ग्रोथ तेज होगी। अभी कंस्ट्रकशन में इस्तेमाल होने वाली चीजों पर जीएसटी के रेट्स अलग-अलग हैं। सीमेंट पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है। स्टील पर 18 फीसदी जीएसटी है। पेंट्स पर 28 फीसदी जीएसटी है। टाइल्स और सैनिटरी वेयर पर 18 फीसदी जीएसटी है। इसके चलते प्रोजेक्ट की कॉस्ट बढ़ जाती है। घर महंगे हो जाते हैं।
रियल एस्टेट कंपनियों पर कंप्लायंस का बोझ कम होगा
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म्स से हाउसिंग सेक्टर को फायदा होगा। जीएसटी के सिर्फ 2 स्लैब रह जाने से न सिर्फ रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए कंप्लायंस आसान हो जाएगा बल्कि इससे कैश फ्लो बढ़ेगा जिससे आखिर में ग्राहकों के लिए घरों की कीमतें कम हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि लंबी अवधि के लिहाज से टैक्स को लेकर तस्वीर साफ होने से रियल एस्टेट कंपनियां आत्मविश्वास के साथ नए प्रोजेक्ट्स के बारे में सोच सकेंगी। इससे हाउसिंग सेक्टर की ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
घर खरीदने वाले लोगों को कई तरह के चार्जेज चुकाने पड़ते हैं
अभी घर खरीदने वाले लोगों को न सिर्फ जीएसटी चुकाना पड़ता है बल्कि स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस जैसी राज्यों की तरफ लगाई जाने वाली लेवी का भी पेमेंट करना पड़ता है। कुछ राज्यों में तो ये लेवी प्रॉपर्टी की वैल्यू के 8 फीसदी तक पहुंच जाती है। साया ग्रुप के एमडी विकास भसीन ने कहा कि जीएसटी, स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज को मिला दिया जाए तो घर की कीमत 13-14 फीसदी तक बढ़ जाती है। इसका असर घर खरीदार पर पड़ता है।