GST Bill: भारत सरकार ने 22 सितंबर से जीएसटी रिफॉर्म 2.0 लागू कर दिया है, जिसका मकसद है आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना। साथ ही आम जनता, खासकर मध्यम वर्ग को राहत देना। इस नए बदलाव के तहत कोयले पर 400 रुपये प्रति टन का कंपनसेशन सेस खत्म कर दिया गया है। हालांकि, कोयले पर जीएसटी की दर 5% से बढ़ाकर 18% कर दी गई है।
बिजली बिल में कितनी राहत?
कोयला बिजली प्रोडक्शन का सबसे अहम ईंधन है। इसकी कॉस्ट कम होने से बिजली बनाने की कीमत भी घटेगी। शुरुआती अनुमान बताते हैं कि ग्राहकों को प्रति यूनिट लगभग 11 पैसे की राहत मिलेगी। उदाहरण के लिए अगर किसी परिवार की महीने में 300 यूनिट खपत होती है, तो उसे करीब 33 रुपये की बचत होगी। साल भर में यही बचत बढ़कर करीब 396 रुपये तक पहुंच सकती है। यह रकम देखने में छोटी लग सकती है, लेकिन बड़े स्तर पर देखें तो लाखों ग्राहकों को बिजली खर्च में सीधे फायदा मिलेगा।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी ने बताया कि इन बदलावों से उन्हें औसतन 152.36 रुपये प्रति टन सस्ता कोयला मिलेगा। इससे उनकी प्रोडक्शन कॉस्ट में 11.54 पैसे प्रति यूनिट तक कमी आने की उम्मीद है। कंपनी का कहना है कि कंपनसेशन सेस लंबे समय से बिजली प्रोडक्शन कॉस्ट पर असर कर रहा था। इसके हटने से प्रोडक्शन खर्च घटेगा और ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा।
जीएसटी में क्या बड़े बदलाव हुए?
नवरात्रि के पहले दिन से जीएसटी ढांचे को भी सरल बनाया गया है। अब जीएसटी की चार दरें घटाकर तीन कर दी गई हैं। इस बदलाव से रोजमर्रा की चीजों पर बोझ घटा है। जैसे शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट, दवाइयां, बच्चों के उत्पाद और डेयरी आइटम्स पर अब कम जीएसटी लगेगा।