SIP Tax Rules: म्यूचुअल फंड से मुनाफे पर कितना और कैसे लगता है टैक्स, समझिए पूरा कैलकुलेशन

SIP tax rules: म्यूचुअल फंड में SIP से मिलने वाले रिटर्न पर कितना टैक्स लगेगा, यह कई बातों पर निर्भर करता है। FIFO नियम और नई टैक्स छूटें प्लानिंग में अहम हैं। समझिए टैक्स कैलकुलेशन का पूरा हिसाब।

अपडेटेड Jun 16, 2025 पर 6:20 PM
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2020 से पहले म्यूचुअल फंड्स पर डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स (DDT) लगता था, जो अब खत्म हो चुका है।

SIP Tax Rules: बहुत-से लोग बचत और बड़ा फंड तैयार करने के लिए सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को काफी पसंद करते हैं। लेकिन, इसमें जो मुनाफा होता है, उस पर टैक्स कैसे लगता है, ये समझना थोड़ा पेचीदा हो सकता है।

कुछ लोगों को लगता है कि SIP लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट है, इसलिए उस पर टैक्स नहीं लगता। लेकिन सच ये है कि SIP से होने वाला मुनाफा भी टैक्स के दायरे में आता है। फर्क सिर्फ इतना है कि टैक्स की दर इस बात पर निर्भर करती है कि आपने किस फंड में निवेश किया है और कितने समय तक उसे होल्ड किया है।

आइए जानते हैं कि म्यूचुअल फंड SIP से होने वाले प्रॉफिट पर कैसे, कब और कितना टैक्स लगता है। साथ ही, रिटर्न पर टैक्स को कम कैसे किया जा सकता है।


किन चीजों पर निर्भर करता है टैक्स?

SIP के रिटर्न टैक्स दो चीजों पर निर्भर करता है। पहला, आपका फंड किस टाइप का है- इक्विटी, डेट या हाइब्रिड। और दूसरा, आपने यूनिट्स कितने समय तक होल्ड की हैं – यानी खरीद और बेचने की तारीख में कितना गैप है

इन्हीं दो बातों से तय होता है कि मुनाफा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG), और टैक्स कितना लगेगा।

इक्विटी फंड्स में SIP पर टैक्स कैसे लगता है?

अगर आपने ऐसे म्यूचुअल फंड में SIP की है जिसमें कम से कम 65% पैसा शेयरों में लगाया गया हो, तो वो इक्विटी फंड होता है। टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज LLP में पार्टनर विवेक जालान का कहना है कि मान लीजिए आप एक इक्विटी म्यूचुअल फंड (जिस पर STT लागू होता है) में SIP के जरिए एक साल तक निवेश करते हैं और फिर 13 महीने बाद पूरा निवेश रिडीम कर लेते हैं।

जालान के मुताबिक, 'इस स्थिति में SIP के जरिए सबसे पहले खरीदी गई यूनिट्स आपके पास 12 महीने से ज्यादा समय तक रही हैं, इसलिए उन पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) लागू होगा। अगर इन यूनिट्स से होने वाला लॉन्ग टर्म मुनाफा ₹1.25 लाख से कम है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन अगर मुनाफा ₹1.25 लाख से ज्यादा है, तो ₹1.25 लाख से ऊपर के हिस्से पर 12.5% की दर से LTCG टैक्स लगेगा।'

हालांकि, SIP की दूसरी तीसरी और बाकी किस्तों से खरीदी गई यूनिट्स उतनी पुरानी नहीं होंगी। उन पर होने वाला मुनाफा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा, क्योंकि उन्हें होल्ड करने की अवधि 12 महीने से कम होगी। इन पर 20% की तय टैक्स दर से टैक्स देना होगा, चाहे आपकी इनकम टैक्स स्लैब कुछ भी हो। इस पर उपयुक्त सेस और सरचार्ज भी लगेगा। डेट फंड्स के लिए टैक्स के नियम अलग हैं।

इक्विटी फंड्स के लिए SIP टैक्सेशन 

होल्डिंग पीरियड टैक्स कैटेगरी टैक्स दर
12 महीने या कम शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG)
20% (23 जुलाई 2024 से लागू)
12 महीने से ज्यादा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG)
₹1.25 लाख तक टैक्स फ्री, उसके ऊपर 12.5%

अगर आपने जून 2023 से SIP शुरू की थी और जुलाई 2025 में ₹2 लाख मुनाफा बुक किया। चूंकि आपने यूनिट्स 12 महीने से ज्यादा रखीं, यह LTCG होगा। पहले ₹1.25 लाख टैक्स-फ्री रहेगा, बाकी ₹75,000 पर 12.5% टैक्स देना होगा।

डेट, गोल्ड या हाइब्रिड फंड्स पर टैक्स कैसा लगता है?

ऐसे फंड जिनमें इक्विटी 35% से कम हो, वो डेट-ओरिएंटेड या 'नॉन-इक्विटी' फंड होते हैं। इन पर भी होल्डिंग पीरियड के हिसाब से टैक्स लगता है।

होल्डिंग पीरियड टैक्स कैटेगरी टैक्स दर
36 महीने या कम शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG)
आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार
36 महीने से ज्यादा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG)
12.5% (अब इंडेक्सेशन का फायदा नहीं)

नया नियम: अप्रैल 2023 से पहले तक इन फंड्स पर इंडेक्सेशन का फायदा मिलता था, अब नहीं मिलता। लेकिन FY2025–26 से ₹4 लाख तक LTCG छूट दी गई है, नॉन-इक्विटी फंड्स के लिए।

SIP में हर इंस्टॉलमेंट पर अलग टैक्स क्यों लगता है?

यहां एक अहम बात समझना जरूरी है कि SIP एक बार में नहीं बल्कि हर महीने की जाने वाली निवेश प्रक्रिया है। यानी हर महीने की किस्त एक नया निवेश मानी जाती है।

इसलिए जब आप यूनिट्स बेचते हैं, तो टैक्स 'FIFO' (First-In-First-Out) आधार पर लगता है। सबसे पुरानी यूनिट पहले मानी जाती है, और उसी के आधार पर यह तय होता है कि वह STCG है या LTCG।

जैसे कि अगर आपने जनवरी 2024 से SIP शुरू की और जून 2025 में कुछ यूनिट्स बेचीं, तो जनवरी 2024 की किस्त अब 17 महीने पुरानी हो गई, इस पर LTCG लगेगा। वहीं अगर आपने मई 2025 वाली किस्त बेच दी, तो वह सिर्फ 1 महीने पुरानी है, उस पर STCG लगेगा।

ELSS फंड्स में SIP और टैक्स

ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग फंड स्कीम एक टैक्स-सेविंग फंड है, जिसमें हर SIP इंस्टॉलमेंट पर 3 साल का लॉक-इन होता है। इसमें भी टैक्स नियम इक्विटी फंड जैसे ही रहते हैं:

  • 3 साल बाद बिक्री पर LTCG लगता है
  • ₹1.25 लाख तक टैक्स फ्री
  • बाकी पर 12.5% टैक्स

साथ ही, ELSS पर धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक टैक्स डिडक्शन का फायदा भी मिलता है।

डिविडेंड इनकम का क्या है?

2020 से पहले म्यूचुअल फंड्स पर डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स (DDT) लगता था, जो अब खत्म हो चुका है। अब जो भी डिविडेंड आपको मिलता है, वह आपकी कुल इनकम में जुड़ता है और आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होता है।

SIP रिटर्न पर टैक्स बचाने के रास्ते

  • FIFO नियम याद रखें- पहले खरीदी गई यूनिट पहले मानी जाती है, प्लान वैसे ही करें।
  • इक्विटी फंड में 12 महीने से पहले बेचने से बचें, वरना 20% STCG देना पड़ेगा।
  • टैक्स बचाने के लिए हर साल LTCG की ₹1.25 लाख छूट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • Debt फंड्स में ₹4 लाख LTCG छूट को ध्यान में रखकर प्लानिंग करना बेहतर रहेगा।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Jun 16, 2025 5:54 PM

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