जब अचानक पैसों की जरूरत हो, तो अकसर लोग गोल्ड लोन और पर्सनल लोन के बीच उलझन में पड़ जाते हैं। दोनों विकल्पों के अपने फायदे और नुकसान होते हैं, और सही फैसला आपकी आवश्यकताओं, पुनर्भुगतान क्षमता और जोखिम सहने की क्षमता पर निर्भर करता है।
जब अचानक पैसों की जरूरत हो, तो अकसर लोग गोल्ड लोन और पर्सनल लोन के बीच उलझन में पड़ जाते हैं। दोनों विकल्पों के अपने फायदे और नुकसान होते हैं, और सही फैसला आपकी आवश्यकताओं, पुनर्भुगतान क्षमता और जोखिम सहने की क्षमता पर निर्भर करता है।
गोल्ड लोन की खासियत
गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन होता है, यानी इसमें आपको सोना गिरवी रखना होता है। इसकी ब्याज दर पर्सनल लोन की तुलना में कम होती है क्योंकि बैंक के पास गिरवी के रूप में संपत्ति होती है जिससे उनका जोखिम कम होता है। गोल्ड लोन जल्दी अप्रूव होता है, कई बार 90-120 मिनट में ही पैसा मिल जाता है। यदि आप समय पर लोन चुकाते हैं, तो यह विकल्प सस्ता और सुविधाजनक रहता है। लेकिन अगर भुगतान में चूक होती है तो आपके सोने को नीलाम किया जा सकता है। इसे छोटे या मध्यम अवधि के लिए उपयुक्त माना जाता है।
पर्सनल लोन के फायदे
पर्सनल लोन असिक्योर्ड होता है, जिसमें किसी भी संपत्ति को गिरवी नहीं रखना पड़ता। यह लोन आपकी आय, नौकरी की स्थिरता और क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करता है। पर्सनल लोन की ब्याज दर गोल्ड लोन से अधिक हो सकती है, साथ ही इसमें प्रोसेसिंग फीस भी लगती है। हालांकि, यह लोन लंबी अवधि तक लिया जा सकता है, जो बड़ी राशि की जरूरतों के लिए बेहतर होता है। पर्सनल लोन समय लेने वाला हो सकता है, और अप्रूवल में कुछ दिन लग सकते हैं।
कब क्या चुनें?
यदि आपके पास सोना है और आपको तुरंत पैसा चाहिए, तो गोल्ड लोन सबसे बेहतर विकल्प है। वहीं, अगर आप बिना किसी संपत्ति गिरवी रखे लोन लेना चाहते हैं और लंबी अवधि के लिए पैसा चाहिए, तो पर्सनल लोन आपके लिए बेहतर रहेगा।
गोल्ड लोन और पर्सनल लोन दोनों के फायदे और नुकसान हैं, इसलिए अपने बजट, जरूरत, और पुनर्भुगतान क्षमता के आधार पर सही विकल्प चुनना चाहिए।
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