जीवन में अचानक आर्थिक मुश्किलें आती हैं, जैसे बीमारी, नौकरी छूटना या घर की मरम्मत के खर्च। ऐसे वक्त में इमरजेंसी फंड की अहमियत सबसे ज्यादा होती है। यह फंड आपके लिए एक सुरक्षा आवरण का काम करता है, जिससे आप बिना तनाव के इन आपात स्थितियों का सामना कर सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि इस फंड को कहां और कैसे रखें ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत पैसा मिल जाए और पैसा सुरक्षित भी रहे।
सेविंग्स अकाउंट: तुरंत निकासी की सुविधा
सबसे आसान और तुरंत उपयोग में आने वाला विकल्प है सेविंग्स अकाउंट। यहां आपका पैसा आसानी से उपलब्ध रहता है और आप ATM, UPI या नेट बैंकिंग से फंड तुरंत निकाल सकते हैं। हालांकि, सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाला इंटरेस्ट बहुत कम होता है। इसलिए, इसे इमरजेंसी फंड का एक हिस्सा रखें और बाकी पैसा अन्य सुरक्षित जगहों पर निवेश करें।
अगर आप थोड़े लंबे समय के लिए पैसा रखना चाहते हैं, तो शॉर्ट-टर्म FD एक अच्छा विकल्प है। FD में निवेशित राशि सुरक्षित रहती है और फिक्स्ड रिटर्न भी मिलता है। हालांकि, तुरंत पैसा निकालने पर आपको कुछ पेनल्टी या कम ब्याज मिल सकता है। बेहतर होगा कि एफडी को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर रखें ताकि जरूरत पड़ने पर कुछ FD तुरंत मैच्योर हो जाए।
पोस्ट ऑफिस अकाउंट: सरकारी सुरक्षा और भरोसा
पोस्ट ऑफिस की योजनाएं भी इमरजेंसी फंड के लिए लोकप्रिय हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें बैंकिंग का ऑनलाइन एक्सेस कम है। यहां ब्याज दरें स्थिर होती हैं और सरकारी गारंटी भी रहती है। हालांकि, पोस्ट ऑफिस अकाउंट से तुरंत पैसा निकलना उतना सहज नहीं होता, इसलिए इसे तत्काल निकासी के लिए न रखें बल्कि ऐसे फंड के लिए रखें, जिनकी जरूरत 1-2 दिन में हो।
सही बैलेंस से आती है संतुलन
स्मार्ट इमरजेंसी फंड प्लानिंग में तीनों विकल्पों का संतुलित उपयोग जरूरी है। तुरंत जरूरत के लिए सेविंग्स अकाउंट, थोड़ी लंबी अवधि के लिए FD और भरोसे के लिए पोस्ट ऑफिस शामिल करें। इससे आपको लिक्विडिटी, सुरक्षा और अच्छे रिटर्न तीनों का संतुलन मिलेगा।
इमरजेंसी फंड कम से कम 3-6 महीने के खर्च के बराबर होना चाहिए। इसे अलग-अलग जगह रखने से आप किसी भी आपात स्थिति में बिना परेशानी के अपने खर्चों को पूरा कर सकते हैं। नियमित रूप से फंड की समीक्षा करें और जरूरत के अनुसार इसमें सुधार करें।