कैसे बनाएं 1 लाख रुपये से 10 करोड़! बस इस जादू को रखें याद, कभी नहीं होंगे फेल

कल्पना कीजिए कि आपने सिर्फ 1 लाख रुपये लगाए और कुछ सालों बाद वही रकम 10 करोड़ रुपये में बदल गए। सुनने में सपना लगता है ना? या आपको लगता है कि ये कोई फ्रॉड है? लेकिन ये 1 लाख रुपये से 10 करोड़ बनाने का सपना हकीकत बन सकता है

अपडेटेड Jul 24, 2025 पर 1:55 PM
Story continues below Advertisement
कल्पना कीजिए कि आपने सिर्फ 1 लाख रुपये लगाए और कुछ सालों बाद वही रकम 10 करोड़ रुपये में बदल गए।

कल्पना कीजिए कि आपने सिर्फ 1 लाख रुपये लगाए और कुछ सालों बाद वही रकम 10 करोड़ रुपये में बदल गए। सुनने में सपना लगता है ना? या आपको लगता है कि ये कोई फ्रॉड है? लेकिन ये 1 लाख रुपये से 10 करोड़ बनाने का सपना हकीकत बन सकता है। अगर आप कंपाउंडिंग यानी चक्रवृद्धि ब्याज का सही मतलब समझ लें और थोड़ा टाइम दें। कंपाउंडिंग पैसे को समय के साथ मल्टीप्लाई करता है। इसके लिए आपको कुछ एक्स्ट्रा नहीं करना होता। असली कमाल तब होता है जब ब्याज, खुद पर भी ब्याज कमाने लगता है। यही इंटरेस्ट पर इंटरेस्ट वाला जादू है। जो आपके पैसों को दौड़ाने का काम करता है। लेकिन अफसोस! बहुत से लोग कंपाउंडिंग की ताकत को शुरुआती कम रिटर्न की वजह से नजरअंदाज कर देते हैं और पैसा बीच में ही निकाल लेते हैं। और यहीं वे करोड़ों के फायदे से चूक जाते हैं।

कंपाउंडिंग: ब्याज पर ब्याज का जादू

कंपाउंड इंटरेस्ट यानी चक्रवृद्धि ब्याज, वो तरीका है जिससे आपका पैसा मेहनत करता है। पहले धीरे, फिर इतनी तेजी से कि आप खुद चौंक जाएंगे। इसकी सबसे बड़ी ताकत है टाइम। जितना लंबा समय, उतनी जबरदस्त ग्रोथ आपके पैसे को मिलती है।


उदाहरण के लिए अगर आपने 1 लाख रुपये लगाए, तो वो पहले साल में बढ़कर 1.12 लाख रुपये हो जाएगा। दूसरे साल में वही रकम बढ़कर 1.254 लाख रुपये हो जाएगी। तीसरे साल में ये करीब 1.404 लाख रुपये हो जाएगी। यानी बिना सालाना रिटर्न बदले, हर साल आपके पैसे पर पहले से ज्यादा ब्याज जुड़ता है, क्योंकि अब ब्याज, पुराने ब्याज पर भी मिल रहा होता है।

यही है कंपाउंडिंग का असली जादू!

25 की उम्र बनाम 35 की उम्र में निवेश: फर्क चौंका देगा आपको

अगर कोई 25 की उम्र में हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश शुरू करता है और कोई दूसरा 35 में तो पहले वाला 60 की उम्र तक बहुत बड़ा फंड बना चुका होगा। भले ही दूसरा ज्यादा पैसे लगा रहा हो। क्यों? क्योंकि कंपाउंडिंग टाइम को रिवार्ड देती है, पैसा कितना डाला, उससे ज्यादा फर्क पड़ता है कितने समय के लिए डाला, इससे फर्क पड़ता है।

1 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये तक: कंपाउंडिंग की रफ्तार देखिए

FundsIndia के आंकड़े ये दिखाते हैं कि कैसे एक ही रिटर्न रेट 12 प्रतिशत पर भी समय के साथ ग्रोथ तेज होती जाती है।

1 करोड़ से 2 करोड़ रुपये → 6 साल

2 करोड़ से 3 करोड़ रुपये → 3.5 साल

3 करोड़ से 4 करोड़ रुपये → 2.5 साल

4 करोड़ से 5 करोड़ रुपये → 2 साल

5 करोड़ से 6 करोड़ रुपये → 1.5 साल

6 करोड़ से 7 करोड़ रुपये → 1.4 साल

9 करोड़ से 10 करोड़ रुपये → सिर्फ 6 महीने में हो जाएंगे।

मतलब साफ है कि जितना बड़ा अमाउंट, उतना तेज कंपाउंडिंग का असर आपके निवेश पर नजर आएगा।

सबसे बड़ी गलती - पैसा जल्दी निकाल लेना

कई लोग शुरुआत के धीमे रिटर्न देखकर सोचते हैं कि इसमें कुछ खास फायदा नहीं और पैसे निकाल लेते हैं। यही सबसे बड़ी गलती है। असली कमाई तो बाद के सालों में होती है, जब आपका पैसा खुद अपने दम पर पैसा बनाने लगता है। क्योंकि इसमें आप न सिर्फ मूलधन पर बल्कि उस पर मिले ब्याज पर भी कमाते हैं।

तो क्या करना चाहिए?

जितना जल्दी हो सके निवेश शुरू करें। थोड़ा-थोड़ा करके लगातार निवेश करें। जैसे SIP में पैसा निवेश कर सकते हैं। बीच में पैसा न निकालें और सबसे जरूरी बात की धैर्य बनाए रखे। तो इससे छोटा निवेश भी लंबे समय में कंपाउंडिंग के जरिये बहुत बड़ा फंड खड़ा कर सकते हैं।

 

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Jul 24, 2025 1:55 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।