Cabinet meeting : आज शाम होने वाली कैबिनेट की बैठक में नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी मिल सकती है। इसके साथ ही इंश्योरेंस एक्ट अमेंडमेंट बिल पर भी कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। क्या हो सकते हैं बदलाव इस पर बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय और CNBC-TV18 के यश जैन ने खास जानकारी दी। इंश्योरेंस एक्ट अमेंडमेंट बिल में क्या बदलाव हो सकते हैं। इसकी जानकारी देते हुए यश जैन ने बताया कि इंश्योरेंस एक्टअमेंडमेंट बिल में 5 मुद्दों पर बात हो सकती है। पहला तो ये कि इंश्योरेंस सेक्टर में 100 फीसदी FDI को मंजूरी पर चर्चा हो सकती है। Unlisted Insurers कंपनियों को बड़ा फायदा होगा। इससे सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
दूसरा ये कि कंपोजिट इंश्योरेंस लाइसेंस को मंजूरी संभव है। इससे सभी इंश्योरेंस कंपनियों को फायदा होगा। लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस कारोबार में उतर पाएंगी। हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां लाइफ इंश्योरेंस कारोबार में उतर पाएंगी।
इंश्योरेंस कंपनी के नॉन इंश्योरेंस कंपनी के साथ मर्जर पर भी चर्चा हो सकती है। इससे मैक्स फाइनेंशियल को सबसे ज्यादा फायदा होगा। इससे इंश्योरेंस और नॉन इंश्योरेंस कंपनी के बीच मर्जर/Amalgamation।अभी इंश्योरेंस कंपनी का मर्जर दूसरी इंश्योरेंस कंपनी से ही हो पाता है।
कैबिनेट में आज एजेंट्स के दूसरी इंश्योरेंस कंपनी से करार के मुद्दे पर भी फैसला हो सकता है। ये LIC औरSBI लाइफ के लिए बड़ा निगेटिव होगा। वहीं, प्राइवेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए पॉजिटिव होगा। अभी एजेंट सिर्फ एक लाइफ,एक जनरल और एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से ही करार कर सकता है। इसके साथ ही कैबिनेट में इंश्योरेंस कंपनियों के इन्वेस्टमेंट रेगुलेशन में बदलाव पर भी चर्चा होगी। यह LIC समेत सभी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए पॉजिटिव है।
नया इनकम टैक्स बिल में क्या है नया?
सीएनबीसी-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने बताया कि इनकम टैक्स बिल 2025 को आज कैबिनेट से मंजूरी संभव है। अगले हफ्ते लोकसभा में येबिल पेश किया जा सकता है। बिल पेश करने के साथ ही फाइनेंस पर संसद की स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जा सकता है। कुछ डिडक्शन और रीबेट से जुड़े नियमों में बदलाव संभव है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक स्टैंडर्ड डिडक्शन से जुड़े प्रावधान में बड़ा बदलाव हो सकता है। एक्ट में संशोधन किए बगैर डिडक्शन और रीबेट की सीमा बदल सकती है।
सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स एक्ट में ऐसे ही कई अहम बदलाव की संभावना है। अब एसेसमेंट ईयर की बजाय टैक्स ईयर शब्द का इस्तेमाल हो सकता है। टैक्स नियमों को आसान करने के लिए इलस्ट्रेशंस और टेबल का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक्सप्लानेशन और प्रोविजनंस की बजाय गाइडिंग नोट लाने पर विचार किया जा रहा है। “Notwithstanding” जैसे ब्रिटिश रेफरेंस वाले शब्द हटाये जा सकते हैं।