घरों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कई लोग ज्वाइंट नाम से प्रॉपर्टी खरीदते हैं। प्रॉपर्टी पर दोनों पार्टनर्स का बराबर अधिकार होता है। सवाल है कि ऐसे प्रॉपर्टी को बेचने पर होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स बेनेफिट किस तरह मिलेगा? क्या दोनों को-ओनर्स लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स बेनेफिट क्लेम कर सकते हैं?
कैपिटल गेंस पर टैक्स बेनेफिट के नियम
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रॉपर्टी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स बेनेफिट्स के नियमों का उल्लेख इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 और 54एफ में है। इन सेक्शन के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति घर को बेचने पर हुए कैपिटल गेंस को दोबारा रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में इनवेस्ट कर देता है तो उसे कैपिटल गेंस टैक्स से एग्जेम्प्शन मिलेगा।
सेक्शन 54 और सेक्शन 54एफ में फर्क
सेक्शन 54 तब लागू होता है, जब कोई व्यक्ति रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस से तय समयसीमा के अदर दूसरा घर खरीदता है या बनवाता है। सेक्शन 54 एफ तब लागू होता है जब किसी दूसरे एसेट्स (जैसे जमीन, गोल्ड या म्यूचुअल फंड्स) को बेचने पर मिले पूरे पैसे का इस्तेमाल रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए किया जाता है।
ज्वाइंट प्रॉपर्टी में दोनों ओनर्स को टैक्स बेनेफिट
सेक्शन 54 और 54 एफ के मुताबिक, अगर प्रॉपर्टी ज्वाइंट नाम में खरीदी गई है तो उसके कैपिटल गेंस पर टैक्स बेनेफिट दोनों को-ओनर्स को मिलता है। प्रॉपर्टी मास्टर के को-फाउंडर पारस राय ने बताया, "इनकम टैक्स कानून के तहत प्रत्येक को-ओनर को इंडिविजुअल टैक्सपेयर माना जाता है। इसलिए कैपिटल गेंस पर टैक्स एग्जेम्प्शन भी दो हिस्सों में बंटता है। नया घर खरीदने पर इसका टैक्स बेनेफिट उसी अनुपात में मिलता है, जिस अनुपात में प्रॉपर्टी में उनकी हिस्सेदारी होती है।"
प्रॉपर्टी में निवेश के अनुपात में टैक्स बेनेफिट
गोयल गंगा डेवलपमेंट के डायरेक्टर अनुराग गोयल ने कहा कि अगर किसी कॉमन प्रॉपर्टी के दो पार्टनर्स उसे बेच देते हैं और बाद में कैपिटल गेंस में अपनी हिस्सेदारी के इस्तेमाल से अलग-अलग प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो दोनों में से प्रत्येक को उसी अनुपात में एग्जेम्प्शन मिलेगा, जिस अनुपात में उसने प्रॉपर्टी में निवेश किया था।
इन दो शर्तों का रखना होगा ध्यान
सेक्शन 54 और 54 एफ के तहत टैक्स एग्जेम्प्शन क्लेम करने में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पहला, इनवेस्टमेंट की तारीख में व्यक्ति के पास एक से ज्यादा प्रॉपर्टी नहीं होनी चाहिए। दूसरा, नई खरीदी गई प्रॉपर्टी तीन साल से पहले बेची नहीं जानी चाहिए। इस नियम का उल्लंघन होने पर एग्जेमप्शन रिवर्स हो जाएगा।