Income Tax: मंथली खर्च के लिए भतीजा मुझे हर महीने 60,000 रुपये भेजता है, क्या इस पर मुझे टैक्स चुकाना होगा?

इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक, अगर सभी स्रोतों से मिले गिफ्ट्स की वैल्यू 50,000 रुपये को पार कर जाती है तो इसे गिफ्ट्स लेने वाले व्यक्ति की इनकम माना जाता है। फिर, इस पर उस व्यक्ति के टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। लेकिन, इस नियम के कुछ अपवाद हैं

अपडेटेड Dec 08, 2025 पर 2:49 PM
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इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक, 50000 रुपये तक के गिफ्ट्स पर कोई टैक्स नहीं लगता है।

कई लोगों की रेगुलर इनकम नहीं होती है। वे अपने मंथली खर्च के लिए बेटा-बेटी पर निर्भर रहते हैं। गाजियाबाद के हरीश गुप्ता भी अपने मंथली खर्च के लिए अपने भतीजे पर निर्भर हैं। उन्होंने बताया है कि उनका भतीजा हर महीने उन्हें करीब 60,000 रुपये भेजता है, जिससे उनका खर्च चलता है। उनका सवाल है कि क्या इस पैसे पर उन्हें टैक्स चुकाना होगा? मनीकंट्रोल ने यह सवाल मशहूर टैक्स एक्सपर्ट और सीए बलवंत जैन से पूछा?

गिफ्ट्स पर इनकम टैक्स के नियम

जैन ने कहा कि Income Tax  के नियम के मुताबिक, अगर सभी स्रोतों से मिले गिफ्ट्स की वैल्यू 50,000 रुपये को पार कर जाती है तो इसे गिफ्ट्स लेने वाले व्यक्ति की इनकम माना जाता है। फिर, इस पर उस व्यक्ति के टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। गिफ्ट की वैल्यू चाहे जितनी हो, गिफ्ट देने वाले व्यक्ति पर कोई टैक्स लायबिलिटी नहीं होती है। लेकिन, अगर गिफ्ट्स की कुल वैल्यू एक वित्त वर्ष में 50,000 रुपये से ज्यादा नहीं है तो उस पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है।


कुछ खास रिश्तेदारों के गिफ्ट पर टैक्स नहीं

उन्होंने कहा कि गिफ्ट्स पर टैक्स के इस नियम के कुछ अपवाद हैं। पहला, अगर गिफ्ट किसी खास रिश्तेदार से मिला है तो उसकी वैल्यू 50,0000 रुपये से ज्यादा होने पर भी उस टैक्स नहीं लगता है। खास रिश्तेदारों के तहत मामा-मामी और चाचा-चाची भी आते हैं। इसका मतलब है कि मामा-मामी और चाचा-चाची से मिले गिफ्ट्स पर भतीजे को टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। लेकिन, अगर भतीजा या भतीजी अपने चाचा-चाची को गिफ्ट्स देते हैं और उसकी वैल्यू 50,000 रुपये से ज्यादा है तो उस पर टैक्स लगेगा। इसका मतलब है कि अगर भतीजा एक वित्त वर्ष में 50,000 रुपये से ज्यादा वैल्यू का गिफ्ट देता है तो उस पर चाचा को टैक्स चुकाना होगा। इसकी वजह यह है कि भतीजा या भतीजी खास रिश्तेदारों की परिभाषा में शामिल नहीं हैं।

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टैक्स चुकाने की जिम्मेदारी गिफ्ट्स लेने वाले पर

जैन ने बताया, "हरीश गुप्ता को भतीजे से मिले गिफ्ट्स की कुल वैल्यू एक वित्त वर्ष में 50,000 रुपये की लिमिट को पार कर जाती है। इसलिए इसे गुप्ता की इनकम माना जाएगा, जिस पर उन्हें टैक्स चुकाना होगा। लेकिन, चूंकि एक वित्त वर्ष में भतीजे से मिले गिफ्ट की कुल वैल्यू 12 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है, जिससे इनकम टैक्स की नई रीजीम में सेक्शन 87ए के तहत उपलब्ध रिबेट की वजह से उन्हें इस पर टैक्स नहीं चुकाना होगा।" इसका मतलब है कि भतीजा गुप्ता को मंथली खर्च के लिए जो पैसा भेजता है, उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

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