Credit Score: क्या नया लोन लेने से आपके क्रेडिट स्कोर पर खराब असर पड़ता है?

Credit score: बैंक या एनबीएफसी के एक बार लोन एप्रूव कर देने पर आपका कुल कर्ज (debt) बढ़ जाता है। किसी व्यक्ति पर कर्ज का ज्यादा बोझ अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए कई बार लोन के नए अप्लिकेशन के बाद क्रेडिट स्कोर कुछ प्वाइंट्स घट जाता है

अपडेटेड Dec 08, 2025 पर 4:12 PM
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लंबी अवधि में रीपेमेंट का पॉजिटिव असर क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है।

कई लोग नए लोन के लिए अप्लाई करने से पहले कई बार सोचते हैं। उन्हें लगता है कि इसका उनके क्रेडिट स्कोर पर खराब असर पड़ेगा। यह सही है कि नए लोन के अप्लिकेशन का असर क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है, लेकिन यह असर उस तरह से नहीं पड़ता है जैसा लोग समझते हैं। नए लोन के अप्लिकेशन से आपके क्रेडिट स्कोर पर थोड़े समय के लिए असर पड़ सकता है, लेकिन अगर लोन का रीपेमेंट सही तरीके से कर देते हैं तो इससे लंबी अवधि में आपका क्रेडिट स्कोर स्ट्रॉन्ग होता है।

थोड़ समय में लोन की कई इनक्वायरी से नुकसान

आप जब नए लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक या एनबीएफसी आपकी क्रेडिट प्रोफाइल की जांच करती है। वे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को देखते हैं। लोन की एक इनक्वारी से ज्यादा नुकसान नहीं होता है। लेकिन, थोड़े समय में लोन के एक से ज्यादा अप्लिकेशन का आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर खराब असर पड़ता है। इससे यह माना जाता है कि व्यक्ति को हमेशा पैसे की तंगी रहती है। इस वजह से क्रेडिट स्कोर में गिरावट आ सकती है।

नए लोन से क्रेडिट स्कोर कुछ समय के लिए घट सकता है

बैंक या एनबीएफसी के एक बार लोन एप्रूव कर देने पर आपका कुल कर्ज (debt) बढ़ जाता है। किसी व्यक्ति पर कर्ज का ज्यादा बोझ अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए कई बार लोन के नए अप्लिकेशन के बाद क्रेडिट स्कोर कुछ प्वाइंट्स घट जाता है। यह सिस्टम की वजह से होता है। सिस्टम कर्ज बढ़ने को खराब मानता है। लेकिन, लंबी अवधि में रीपेमेंट का पॉजिटिव असर क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है।


समय पर ईएमआई की पेमेंट का क्रेडिट हिस्ट्री पर अच्छा असर

अगर आप समय पर अपने लोन की ईएमआई चुकाते हैं तो नया लोन आपके लिए हेल्पफुल हो सकता है। तय समय पर ईएमआई के हर पेमेंट से आपकी रीपेमेंट हिस्ट्री पर पॉजिटिव असर पड़ता है। इसका क्रेडिट स्कोर बढ़ाने में बड़ा रोल होता है। अगर किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री काफी कम है तो छोटे अमाउंट के पर्सनल लोन या कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन से उसकी अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बनती है।

लोन लेने की टाइमिंग का भी पड़ता है असर

ज्यादा खर्च करने के साथ लोन भी लेने का आपके क्रेडिट स्कोर पर खराब असर पड़ सकता है। कई लोग इस बारे में नहीं जानते। इसे एक उदाहरण की मदद से समझा जा सकता है। मान लीजिए आपने क्रेडिट कार्ड से एक महंगा गैजेट खरीदा है। ट्रैवल के लिए लोन लिया है। और अब पर्सनल लोन ले रहे हैं। इस वजह से आपका यूटिलाइजेशन बढ़ जाता है। आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर फाइनेंशियल प्रेशर दिखने लगता है। भले ही आप समय पर ईएमआई का पेमेंट कर रहे हैं लेकिन इसका आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर असर पड़ता है। इसीलिए एक्सपर्ट्स एक साल कई लोन नहीं लेने की सलाह देते हैं।

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इनकम और रीपेमेंट कपैसिटी पर निर्भर है लोन की संख्या

कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि एक, दो या तीन-आखिर कितने लोन को ज्यादा माना जाएगा? एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस सवाल को कोई एक जवाब नहीं हो सकता। यह व्यक्ति की इनकम, रीपेमेंट कपैसिटी और इस बात पर निर्भर करता है कि आपके मंथली बजट में ईएमआई कितना फिट बैठती है। अगर पहले से क्रेडिट कार्ड का आपका यूटिलाइजेशन रेशियो ज्यादा है तो नया लोन लेने से आपका क्रेडिट स्कोर घट सकता है।

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