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Income Tax New Regime: इनकम टैक्स की नई रीजीम में भी मिलते हैं कई टैक्स बेनेफिट्स, ऐसे उठा सकते हैं फायदा

इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स की नई और पुरीनी रीजीम के बीच स्विच करने की इजाजत है। अगर आप नई रीजीम का इस्तेमाल करने जा रहे हैं तो आपको इसमें मिलने वाले टैक्स बेनेफिट्स के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। हालांकि, ओल्ड रीजीम के मुकाबले नई रीजीम में टैक्स बेनेफिट्स कम है

अपडेटेड Apr 01, 2025 पर 2:25 PM
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प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों से एंप्लॉयर (कंपनियां) अप्रैल में यह पूछता है कि वे नई और पुरानी रीजीम में से किसका इस्तेमाल करना चाहते हैं।

आज यानी 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है। इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स खासकर नौकरी करने वाले लोगों को इस महीने यह तय करना होगा कि वे इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में से किसका इस्तेमाल करेंगे। नई रीजीम में टैक्स के रेट्स कम हैं, लेकिन ज्यादातर डिडक्शन नहीं मिलता है। पुरानी रीजीम में टैक्स के रेट्स ज्यादा है, लेकिन डिडक्शन का फायदा मिलता है।

प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों से एंप्लॉयर (कंपनियां) अप्रैल में यह पूछता है कि वे नई और पुरानी रीजीम में से किसका इस्तेमाल करना चाहते हैं। फिर, एंप्लॉयर के बताने के बाद ही वे हर महीने सैलरी से टैक्स काटती हैं। आइए जानते हैं कि इनकम टैक्स की नई रीजीम (Income Tax New Regime) में कौन-कौन से डिडक्शन मिलते हैं।

1. स्टैंडर्ड डिडक्शन

इनकम टैक्स की नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलता है। पहले 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता था। लेकिन, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इसे बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया। इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। लेकिन, टैक्सपेयर्स को यह ध्यान में रखना होगा कि यह डिडक्शन सिर्फ नौकरी करने वाले लोगों को मिलता है। सरकारी या प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग इस डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं। स्टैंडर्ड डिडक्शन से टैक्सपेयर्स पर टैक्स का बोझ घट जाता है।


2. ग्रैच्युटी

इनकम टैक्स की नई रीजीम में भी रिटायरमेंट पर मिलने वाली ग्रैच्युटी को टैक्स से छूट मिलती है। सरकारी एंप्लॉयीज के लिए ग्रैच्युटी का पूरा अमाउंट टैक्स फ्री होता है। गैर-सरकारी एंप्लॉयीज के लिए टैक्स-फ्री ग्रैच्युटी की सीमा तय है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत प्राइवेट नौकरी करने वाले व्यक्ति का रिटायरमेंट पर मिलने वाली 20 लाख रुपये तक ग्रैच्युटी टैक्स-फ्री होगी। इसके अलावा नई रीजीम में भी रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट से मिलने वाले पैसे पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है।

3. एनपीएस में एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन

इनकम टैक्स की नई रीजीम में NPS में एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन मिलता है। यह इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80CCD(2) के तहत मिलता है। हालांकि, एनपीएस में एंप्लॉयर की तरफ से किए गए कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन नहीं मिलता है। इनकम टैक्स की नई रीजीम में एंप्लॉयर एंप्लॉयी के एनपीएस अकाउंट में बेसिक सैलरी (प्लस डीए) का 14 फीसदी तक कंट्रिब्यूशन कर सकता है।

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