Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने का सीजन इस बार टैक्सपेयर्स के लिए मुश्किलों भरा साबित हो रहा है। फॉर्म और यूटिलिटी देर से जारी होने के कारण लोगों के पास रिटर्न फाइल करने का समय बेहद कम रह गया है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख 15 सितंबर 2025 है। अब टैक्सपेयर्स के पास रिटर्न फाइल करने के लिए छह दिन का समय बचा है। जब रिटर्न फाइल करने के लिए कम टाइम बचता है तो टैक्स पोर्टल पर सेशन टाइमआउट, वेरिफिकेशन एरर और डेटा मिस्टमैच जैसी गड़बड़ियां होने लगती है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर डेडलाइन नहीं बढ़ाई गई तो आखिरी दिनों में टैक्सपेयर्स की परेशानी बढ़ा सकती है।
पिछले साल पहले मिल गए थे फॉर्म
पिछले साल 2024 में ऐसे हालात नहीं थे। लास्ट ईयर 1 अप्रैल 2024 को ITR-1 से ITR-4 और ITR-6 मिल गए थे। इसके बाद ITR-5 को 31 मई और ITR-7 को 21 जून तक जारी कर दिया गया। यानी टैक्सपेयर्स के पास लगभग तीन महीने का समय था ताकि वे 31 जुलाई की डेडलाइन से पहले आराम से रिटर्न भर सकें।
2025 में हालात अलग रहे। CBDT ने भले ही नॉन-ऑडिट मामलों की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी, लेकिन ITR-5, ITR-6 और ITR-7 अगस्त में ही जारी हुए। वहीं, ITR-2 और ITR-3 भी 11 जुलाई को मिले। इस कारण टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स के पास टैक्स रिटर्न भरने के लिए कम समय बचा है।
टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि इस वजह से लोगों को फाइलिंग में भारी दबाव झेलना पड़ रहा है। सीए प्रतिभा गोयल ने हाल ही में एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा कि ITR की डेडलाइन बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि देर से आईटीआर फॉर्म जारी होने से पूरा शेड्यूल बिगड़ गया है।
एक साथ कई डेडलाइन का दबाव
हिमांक सिंगला पार्टनर SBHS & Associates बताते हैं कि मुश्किल सिर्फ ITR तक सीमित नहीं है। सितंबर में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। यानी नॉन-ऑडिट रिटर्न फाइल करने के तुरंत बाद प्रोफेशनल्स को ऑडिट रिपोर्टिंग शुरू करनी होगी। इसके साथ ही कंपनियों से जुड़ी ROC यानी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज फाइलिंग की डेडलाइन भी इसी महीने आती है। नतीजा यह कि अलग-अलग कानूनों के बीच कंप्लायंस का बरडन कई गुना बढ़ गया है।
मई 2025 में CBDT ने टैक्सपेयर्स की दिक्कतें मानते हुए डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी थी। लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि आईटीआर फॉर्म अगस्त में आए। उन्हें प्रोसेस करने के लिए कम टाइम मिला इस कारण आईटीआर फाइल करने की तारीख 15 सितंबर से आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है।
एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि टैक्सपेयर्स को डेडलाइन बढ़ने का इंतजार नहीं करना चाहिए। टैक्सबडी डॉट कॉम के संस्थापक सुजीत बांगड़ का कहना है कि अंतिम दिनों में पोर्टल पर दबाव इतना बढ़ जाता है कि सिस्टम धीमा पड़ जाता है या बार-बार फ्रीज हो जाता है। आधार OTP की देरी, वेरिफिकेशन फेल होना या पोर्टल का मेंटेनेंस जैसी दिक्कतें आम हैं। ऐसे में टैक्सपेयर्स समय रहते रिटर्न फाइल कर दें।