इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए इस साल आखिरी तारीख 15 सितंबर है। दरअसल इस बार कुछ नए फॉर्म जारी किए हैं। और निवेशकों को रिटर्न फाइल करने में दिक्कत ना हो इसलिए ये कदम उठाया जा रहा है। अगर आप भी रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो सबसे पहले ये 5 जरूरी काम करें।
Form 26AS और AIS जरूर चेक करें
ITR भरने से पहले इनकम टैक्स पोर्टल पर अपना Form 26AS और Annual Information Statement (AIS) जरूर देख लें। इसमें आपके पैन नंबर से जुड़ी सभी आमदनी व उस पर कटा TDS दर्ज होता है। अगर इसमें आपकी असल इनकम और दी गई जानकारी में फर्क हुआ तो भविष्य में टैक्स नोटिस आ सकता है। अपने एंप्लॉयर , बैंक या अन्य किसी भी जगह से आपकी रकम और TDS सही से जमा हुआ है या नहीं, यह कन्फर्म कर लें।
सभी दस्तावेज़ और प्रूफ इकट्ठा करें
सही टैक्स रिटर्न भरने के लिए सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स आपके पास हों। इसमें Form 16 (सैलरी वालों के लिए), बैंक ब्याज सर्टिफिकेट, शेयर या म्युचुअल फंड के कैपिटल गेन स्टेटमेंट, किराए की रसीदें, और 80C, 80D जैसी छूट के प्रूफ शामिल हैं। इससे डेटा एंट्री में गलती नहीं होगी और किसी सवाल या जांच की स्थिति में दिक्कत नहीं होगी।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अलग-अलग इनकम के लिए अलग फॉर्म बनाए हैं। उदाहरण के लिए, सिर्फ सैलरी वालों के लिए ITR-1 है, लेकिन अगर आपके पास कैपिटल गेन, विदेशी इनकम, या एक से ज़्यादा इनकम स्रोत हैं तो ITR-2 या ITR-3 भरना जरूरी है। गलत फॉर्म भरने पर रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या स्क्रूटिनी में आ सकता है।
रिटर्न फाइल करने से पहले यह देखें कि आपकी कुल टैक्स देनदारी कितनी है। अगर आपके टोटल TDS और एडवांस टैक्स में कमी है, तो बाकि का टैक्स "सेल्फ असेसमेंट टैक्स" के रूप में रिटर्न फाइल करने से पहले जमा कर दें। बाकी टैक्स न भरने पर आपका रिटर्न इनवैलिड हो जाएगा। पोर्टल पर नेट बैंकिंग या UPI से आसान पेमेंट का विकल्प है।
पर्सनल डिटेल्स अपडेट करें और E-Verify जरूर करें
आधार की फोटोकॉपी, मोबाइल नंबर और ईमेल अपडेट रखें और बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट कर लें ताकि रिफंड आसानी से मिले। E-verification रिटर्न फाइल करने के 30 दिनों के अंदर जरूरी है-यह आधार OTP, नेट बैंकिंग या अन्य तरीके से किया जा सकता है। बिना ई-वेरिफिकेशन के न तो रिफंड मिलेगा, न ही रिटर्न प्रोसेस होगा।