Income Tax Return: अंतिम समय में रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तो ये बातें जान लें, बाद में नहीं आएगा इनकम टैक्स का नोटिस

टैक्सपेयर्स 15 सितंबर के पहले रिटर्न फाइल कर देना चाहते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करने में गलती होने की आशंका होती है। 15 सितंबर तक रिटर्न फाइल नहीं करने पर पेनाल्टी लगेगी। साथ ही रिफंड आने में भी देर होगी

अपडेटेड Sep 13, 2025 पर 4:04 PM
Story continues below Advertisement
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटर्न गलत फाइल हुआ तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस भी आ सकता है।

इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की अंतिम तारीख नजदीक आ गई है। सरकार ने अब तक डेडलाइन बढ़ाने के संकेत नहीं दिए हैं। इससे टैक्सपेयर्स 15 सितंबर के पहले रिटर्न फाइल कर देना चाहते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करने में गलती होने की आशंका होती है। 15 सितंबर तक रिटर्न फाइल नहीं करने पर पेनाल्टी लगेगी। साथ ही रिफंड आने में भी देर होगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटर्न गलत फाइल हुआ तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस भी आ सकता है। मनीकंट्रोल आपको कुछ सावधानियों के बारे में बता रहा है, जिनका ध्यान रखने पर रिटर्न फाइल करने में गलती होने की आशंका नहीं रह जाएगी।

सबसे पहले जरूरी डॉक्युमेंट्स जुटा लें

अगर आप नौकरी करते हैं तो सबसे पहले आपको फॉर्म 16 तैयार रखना होगा। इसके बाद एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और फॉर्म 26एएस जुटाना होगा। अगर आपने दोनों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से डाउन नहीं किया है तो अभी कर सकते है। एक जगह सभी डॉक्युमेंट्स होने से इनकम टैक्स रिटर्न भरने में आसानी होती है। अच्छा होगा कि आप फॉर्म 16, एआईएस और फॉर्म 26एएस के डेटा को मैच करा ले। आईटीआर फॉर्म में गलत डेटा भरने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आ सकता है।

सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करें


आपको सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करना होगा। टैक्सपेयर्स की इनकम के स्रोत और दूसरी चीजों के आधार पर टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग आईटीआर फॉर्म होते हैं। अगर आप नौकरी करते हैं तो आप आईटीआर-1 का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सबसे आसान आईटीआर फॉर्म होता है। अगर आपका बिजनेस है या कैपिटल गेंस है तो आपको आईटीआर-2 या आईटीआर-3 का इस्तेमाल करना होगा। गलत आईटीआर फॉर्म में फाइल रिटर्न रिजेक्ट हो जाएगा।

बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट करें

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट प्री-वैलिडेटेड बैंक अकाउंट में रिफंड भेजता है। कई टैक्सपेयर्स अपने बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट करना भूल जाते हैं। इससे रिफंड में दिक्कत आती है। आप इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट कर सकते हैं। यह बहुत आसान है। इससे रिफंड आने में देर नहीं होगी।

इनकम के सभी सोर्सेज की जानकारी दें

अगर आपकी इनकम के कई स्रोत हैं तो आपको उन सभी को डिसक्लोज करना ठीक रहेगा। सैलरी के अलावा आपकी इनकम के कई स्रोत हो सकते हैं। इनमें रेंटल इनकम, बैंक डिपॉजिट पर मिला इंटरेस्ट और कैपिटल गेंस शामिल हैं। अगर आपकी एग्रीकल्चरल इनकम है या शेयरों पर डिविडेंड मिला है तो उसकी भी जानकारी आईटीआर फॉर्म में देना जरूरी है। इससे बाद में इनकम टैक्स का नोटिस आने का डर नहीं रहता है।

बकाया होने पर पहले सेल्फ-एसेसमेंट टैक्स का पेमेंट कर दें

अगर टीडीएस और एडवान्स टैक्स एडजस्टमेंट के बाद भी आप पर टैक्स देनदारी बनती है तो रिटर्न फाइल करने से पहले इसका पेमेंट कर दें। आप सेल्फ-एसेसमेंट टैक्स का कैलकुलेशन कर चालान के जरिए इसका पेमेंट कर सकते हैं। बकाया टैक्स चुकाए बगैर रिटर्न फाइल करने से आपको पेनाल्टी के साथ इंटरेस्ट चुकाना पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें: Income Tax Return: रिटर्न फाइल करने के लिए बचे हैं सिर्फ 3 दिन, कैसे फाइल होंगे करोड़ों ITR?

रिटर्न को ई-वेरिफाय नहीं भूलें

आईटीआर फॉर्म को सब्मिट करने के बाद उसे ई-वेरिफाय करना बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा। आप आधार ओटीपी की मदद से रिटर्न को ई-वेरिफाय कर सकते है। यह रिटर्न को ई-वेरिफाय करने का सबसे आसान तरीका है।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Sep 13, 2025 3:55 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।