8th Pay Commission: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि 8वां वेतन आयोग कब लागू होगा। नवंबर 2025 की शुरुआत में सरकार ने टर्म्स ऑफ रेफरेंस Terms of Reference (TOR) को मंजूरी दी थी। इसके बाद से करोड़ों कर्मचारियों की निगाहें कमीशन की रिपोर्ट और सरकार की हरी झंडी पर टिकी हुई हैं। सबके मन में यही सवाल है कि क्या यह रिपोर्ट 18 महीने की तय समय-सीमा में आ जाएगी या फिर देरी होगी?
8th Pay Commission लागू होने में कितना समय लगेगा?
मौजूदा हालात बताते हैं कि लगभग 1 से 2 साल लग सकते हैं। कई एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार डेटा कलेक्शन और शुरुआती तैयारी का काम पहले ही काफी आगे बढ़ चुका है। पिछले पे कमीशनों को देखें तो 7th CPC को लागू होने में करीब 29 महीने लगे थे, जबकि 6th CPC सिर्फ 22 महीनों में लागू हो गया था। यही वजह है कि अनुमान लगाया जा रहा है कि 8th Pay Commission की सिफारिशें भी 2027 तक लागू हो सकती हैं।
क्या सरकार 2027 यूपी चुनाव से पहले लागू कर सकती है?
यूपी विधानसभा चुनाव फरवरी 2027 में होने हैं, जो देश के सबसे अहम चुनावों में से एक होते हैं। कई एक्सपर्ट का मानना है कि यदि सरकार चाहे तो पे कमीशन की रिपोर्ट को यूपी चुनाव से पहले लागू करना कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ा फायदा साबित हो सकता है। ये सीधे तौर पर चुनावी माहौल को प्रभावित करेगा। जबकि कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि 18 महीने की समय-सीमा और उसके बाद की मंजूरी प्रोसेस को देखते हुए चुनाव से पहले पूरा लागू होना मुश्किल लग रहा है। हालांकि, सरकार चुनाव से पहले अंतरिम राहत दे सकती है।
अगर रिपोर्ट समय पर नहीं आई तो क्या होगा?
ऐसा पहली बार नहीं होगा कि कोई पे कमीशन अपनी रिपोर्ट समय पर न दे। 5th Pay Commission ने तो दो बार एक्सटेंशन लिया था और उस दौरान कर्मचारियों को तीन बार इंटरिम राहत मिली थी। 8th CPC भी अगर ज्यादा समय मांगे तो केंद्र सरकार उसे अतिरिक्त समय दे सकती है। ऐसे में कर्मचारियों को बेसिक पे पर एक तय अमाउंट या प्रतिशत के रूप में इंटरिम राहत मिल सकती है, ताकि देर होने का सीधा असर सैलरी पर न पड़े।
क्या सरकार इसे राजस्थान चुनाव 2027 या लोकसभा चुनाव 2029 तक टाल सकती है?
सरकार इसे 2029 के लोकसभा चुनाव तक टालने की संभावना बहुत कम है, क्योंकि 8th Pay Commission को 1 जनवरी 2026 से लागू माना जाना चाहिए। रिपोर्ट तैयार होने और लागू होने की पूरी प्रक्रिया को मिलाकर लगभग 2 साल लग सकते हैं, इसलिए इसका लागू होना 2027 के अंत तक संभव है। कुछ जानकार यह भी कहते हैं कि रिपोर्ट और उसकी मंजूरी का समय राजस्थान चुनाव यानी दिसंबर 2027 के आसपास पड़ सकता है।