इनकम टैक्स डिपार्मेंट ने कुछ दिन पहले आईटीआर फॉर्म-2 को लाइव कर दिया है। अब इस फॉर्म का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स ऑनलाइन रिटर्न फाइल कर सकते हैं। 18 जुलाई को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। इसमें बताया गया है कि टैक्सपेयर्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर इस फॉर्म का इस्तेमाल कर ऑनलाइन रिटर्न फाइल कर सकते हैं। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि इनकम के स्रोत और दूसरी चीजों के आधार पर अलग-अलग टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग आईटीआर फॉर्म हैं। इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में सही फॉर्म का चुनाव करना बहुत जरूरी है।
कौन कर सकता है आईटीआर-2 फॉर्म का इस्तेमाल
इस बार Income Tax Department ने ITR-2 फॉर्म में कई बड़े बदलाव किए हैं। सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि आईटीआर-2 का इस्तेमाल कौन कर सकता है। अगर किसी टैक्सपेयर्स को सैलरी से इनकम होती है और सालाना इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है तो वह आईटीआर-2 का इस्तेमाल कर सकता है। शर्त यह है कि उसे बिजनेस या प्रोफेशन से कोई इनकम नहीं होनी चाहिए। ऐसे लोग जिनके पास एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी है, कैपिटल गेंस है, विदेश से और विदेशी एसेट से इनकम है, क्रिप्टोकरेंसी से इनकम है, किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं और अनलिस्टेड शेयरों में इनवेस्टमेंट है तो वे ITR-2 फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस बार आईटीआर-2 फॉर्म में छह बदलाव किए गए हैं:
1. शेयर बायबैक पर कैपिटल लॉस की रिपोर्टिंग
अगर किसी कंपनी के शेयर बायबैक प्रोग्राम में हिस्सा लेने की वजह से टैक्सपेयर को कैपिटल लॉस हुआ है तो इसकी जानकारी अब आईटीआर-1 फॉर्म में दी जा सकती है। शर्त यह है कि उस शेयर हुई डिविडेंड इनकम को 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज' के तहत दिखाना होगा।
2. डिसक्लोजर ऑफ डिविडेंड इनकम
अगर शेयरों से डिविडेंड इनकम हुई है तो उसकी जानकारी आईटीआर-2 फॉर्म में देनी होगी। खासकर, शेयर बायबैक प्रोगाम में हिस्सा लेने के वजह से हुई इनकम या लॉस को दिखाने के लिए इसे जरूरी बनाया गया है।
3. रियल एस्टेट का ट्रांसफर
अगर किसी टैक्सपेयर ने लैंड या बिल्डिंग्स का ट्रांसफर किया है तो उसे इसके बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। इसे लैंड या जमीन को बेचने पर इंडेक्सेशन के बेनेफिट के लिए फॉर्म का हिस्सा बनाया गया है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि अगर जमीन या हाउस प्रॉपर्टी 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई और बेच दी गई, तो ही उस पर हुए कैपिटल गेंस पर इंडेक्सेशन का बेनेफिट मिलेगा।
4. 1 करोड़ से ज्यादा इनकम की रिपोर्टिंग
अगर किसी टैक्सपेयर की कुल इनकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो उसे फाइनेंशियल ईयर के अंतिम दिन अपने सभी एसेट्स और लायबिलिटीज के बारे में आईटीआफ-2 फॉर्म में बताना होगा। पहले इसके लिए 50 लाख रुपये की सीमा थी।
5. कैपिटल गेंस की जानकारी
यूनियन बजट 2024 में सरकार ने कैपिटल गेंस के नियमों में बदलाव का ऐलान किया था। अब कैपिटल गेंस के बारे में पूरी जानकारी आईटीआर-2 फॉर्म में देनी होगी। इसकी वजह यह है कि 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदे और बेचे गए प्रॉपर्टी पर कैपिटल गेंस के नियम अलग हैं। इस तारीख के बाद खरीदे और बेचे गए प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन का बेनेफिट नहीं मिलता है।
टीडीएस की जानकारी के लिए आईटीआर-2 में एक नया कॉलम जोड़ा गया है। इसमें यह बताना होगा कि टैक्सपेयर्स का टीडीएस किस सेक्शन के तहत काटा गया है।