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Income Tax: इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम को क्या अब छोड़ने का वक्त आ गया है?

इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री हो गई है। नौकरी करने वाले लोगों को तो अब 12.75 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं चुकाना होगा। इससे मिडिल क्लास के लाखों परिवारों को फायदा होगा। उनके हाथ में खर्च और सेविंग्स के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे

अपडेटेड Feb 04, 2025 पर 11:50 AM
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इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का सबसे बड़ा अट्रैक्शन इसमें मिलने वाला डिडक्शन रहा है। इसमें मुख्य रूप से चार अलग-अलग तरह के टैक्स बेनेफिट मिलते हैं।

सरकार ने यूनियन बजट 2025 में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। वित्तमंत्री ने इनकम टैक्स के नियमों को आसान बनाने का ऐलान किया। उन्होंने टैक्स में भी कमी की है। अब सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है। नौकरी करने वाले लोगों को तो सालाना 12.75 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं रह गई है। इसके अलावा उन्होंने इनकम टैक्स के स्लैब में भी बदलाव किया है। इससे अब ज्यादा इनकम वाले लोगों को भी पहले के मुकाबले कम टैक्स चुकाना होगा। लेकिन, शर्त यह है कि ये सभी फायदे सिर्फ उन लोगों को मिलेंगे जो इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करेंगे।

नई रीजीम में बढ़ेगी दिलचस्पी

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman के 1 फरवरी के ऐलान से काफी फर्क पड़ेगा। सरकार के डेटा के मुताबिक, इनकम टैक्स की नई रीजीम (New Regime of Income Tax) का इस्तेमाल अब करीब 72 फीसदी इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स कर रहे हैं। यह पिछले कुछ सालों में यूनियन बजट में इनकम टैक्स की नई रीजीम को लेकर ऐलान का असर है। इस बार वित्तमंत्री ने जो ऐलान किया है, उससे नई रीजीम में लोगों को दिलचस्पी बढ़नी तय है। सरकार भी यह चाहती है।


टैक्स नियमों को आसान बनाने पर फोकस

सरकार की कोशिश इनकम टैक्स के नियमों को आसान बनाने की है। सरकार ने इसी मकसद से 2020 में इनकम टैक्स की नई रीजीम का ऐलान किया था। शुरुआत में तो इसमें टैक्सपेयर्स ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। लेकिन, पिछले 1-2 सालों में इसमें इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी बढ़ी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को कहा कि वह अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स एक्ट संसद में पेश करने जा रही है। इस एक्ट के जरिए सरकार टैक्स के नियमों को आसान बनाएगी।

ओल्ड टैक्स रीजीम के फायदे

इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का सबसे बड़ा अट्रैक्शन इसमें मिलने वाला डिडक्शन रहा है। इसमें मुख्य रूप से चार अलग-अलग तरह के टैक्स बेनेफिट मिलते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है। सबसे ज्यादा इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स इस डिडक्शन का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन मिलता है। 60 साल से कम उम्र का व्यक्ति 25,000 रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकता है। 60 साल से ज्यादा उम्र का व्यक्ति 50,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम कर सकता है। तीसरा टैक्स बेनेफिट होम लोन पर मिलता है। यह दो तरह से मिलता है। पहला बेनेफिट होम लोन के इंटरेस्ट पर मिलता है। सेक्शन 24बी के तहत इसकी लिमिट 2 लाख रुपये है।

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आपको किसमें ज्यादा फायदा?

होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर भी टैक्स बेनेफिट मिलता है। लेकिन, यह सेक्शन 80सी के तहत मिलता है। 80सी के तहत पहले से निवेश के करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट ऑप्शन आते हैं। इनमें PPF, ELSS, लाइफ इंश्योरेंस स्कीम, सुकन्या समृद्धि जैसी स्कीमें हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग निवेश करते हैं। इसके बाद नौकरी करने वाले लोगों को HRA एग्जेम्प्शन भी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में मिलता है। इससे कई टैक्सपेयर्स के लिए ओल्ड रीजीम में ज्यादा फायदा होता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि 1 फरवरी को नई रीजीम में बदलाव के बाद उन लोगों के लिए ओल्ड रीजीम फायदेमंद नहीं रह गया है, जिन्होंने होम लोन नहीं लिया है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Feb 04, 2025 11:15 AM

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