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Income Tax: फैमिली मेबर्स को इंटरेस्ट-फ्री लोन देकर भी आप बचा सकते हैं काफी टैक्स, जानिए कैसे

इंटरेस्ट-फ्री लोन के पैसे को अगर इनवेस्ट किया जाता है और उस पर इनकम होती है तो उस पर क्लबिंग का नियम लागू नहीं होगा। गिफ्ट किए गए पैसे को इनवेस्ट करने पर जो इनकम होती है, उस पर क्लबिंग का नियम लागू होता है, जिससे यह इनकम गिफ्ट देने वाले व्यक्ति की इनकम में जोड़ दी जाती है

अपडेटेड Oct 24, 2024 पर 5:22 PM
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इनकम टैक्स के कई नियम टैक्स बचाने की इजाजत देते हैं। लेकिन हर नियम के साथ कुछ शर्त जुड़ी होती है।

इनकम टैक्स के कई नियम टैक्सपेयर्स को टैक्स सेविंग्स की इजाजत देते हैं। हर नियम के साथ कुछ शर्तें जुड़ी होती हैं। टैक्यपेयर्स अपने करीबी रिश्तेदार को गिफ्ट देकर भी टैक्स बचा सकते हैं। लेकिन, इसमें एक पेच है। गिफ्ट पर आम तौर पर टैक्स नहीं लगता है। लेकिन, अगर गिफ्ट के पैसे को इनवेस्ट किया जाता है और उससे इनकम होती है तो इस पर क्लबिंग का नियम लागू होता है। इस बारे में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 64 में बताया गया है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

सेक्शन 64 मे क्या कहा गया है?

सेक्शन 64 में कहा गया है कि गिफ्ट के रूप में मिले पैसे को अगर इनवेस्ट किया जाता है तो उससे होने वाली इनकम गिफ्ट देने वाले की इनकम में जोड़ दी जाएगी। इसका मतलब है कि गिफ्ट देने वाले व्यक्ति की टैक्स लायबिलिटी बढ़ जाएगी। इसे एक उदाहरण की मदद से आसानी से समझा जा सकता है। मान लीजिए अविनाश अपनी पत्नी को 6,00,000 रुपये गिफ्ट के रूप में देते हैं। उनकी पत्नी यह पैसा बैंक एफडी में फिक्स कर देती है। इस पर उन्हें 5,000 रुपये का इंटरेस्ट मिलता है। यह पैसा अविनाश की इनकम में जोड़ दिया जाएगा। इसकी वजह सेक्शन 64 का नियम है, जिसमें कहा गया है कि गिफ्ट के पैसे को इनवेस्ट करने पर जो इनकम होगी उसे गिफ्ट देने वाले व्यक्ति की इनकम में जोड़ दी जाएगी। इसे क्लबिंग कहा जाता है।


गिफ्ट से इनकम पर टैक्स से बचने का क्या रास्ता है?

सवाल है कि इसका क्या सॉल्यूशन है? इसका सॉल्यूशन आसान है। अविनाश को अपनी पत्नी को गिफ्ट में पैसे देने के बजाय इंटरेस्ट-फ्री लोन देना होगा। अगर अविनाश पत्नी को इंटरेस्ट फ्री लोन देते हैं तो इस पैसे को इनवेस्ट करने पर होने वाली इनकम उनकी पत्नी की इनकम मानी जाएगी। इसे उनकी पत्नी को अपनी इनकम में दिखाना होगा। इसका फायदा यह होगा कि इस इनकम को उनकी पति की इनकम से क्लब करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे अविनाश को इस पर टैक्स भी नहीं चुकाना पड़ेगा।

यह बात भी ध्यान में रखना होगा

हालांकि, यह समझने की जरूरत है कि गिफ्ट की जगह पत्नी को टैक्स-फ्री लोन देने का फायदा तभी है जब पत्नी की इनकम टैक्सेबल नहीं हो। अगर पत्नी ज्यादा टैक्स स्लैब में आती हैं तो एफडी के इंटरेस्ट से मिले इंटरेस्ट पर उन्हें काफी टैक्स चुकाना पड़ सकता है। अगर पत्नी होममेकर हैं और उनकी कोई इनकम नहीं है तो फिर उन्हें इस पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा।

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