इंडिगो में सब कुछ ठीक नहीं? गुमनाम व्हिसलब्लोअर ने CEO समेत टॉप मैनेजमेंट पर लगाए गंभीर आरोप

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट के बीच एक गुमनाम लेटर वायरल है। इसमें CEO समेत टॉप मैनेजमेंट पर गलत नीतियों, थकान भरे रोस्टर और कर्मचारियों को डराने के आरोप लगे हैं। DGCA ने भी एयरलाइन से गंभीर चूक पर जवाब मांगा है। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Dec 07, 2025 पर 9:39 PM
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यह ओपन लेटर 'फैलो सिटिजंस' और इंडिगो मैनेजमेंट के लिए लिखा गया है।

एक हफ्ता पहले इंडिगो की उड़ान रद्द होने की परेशानी अब सोशल मीडिया पर नैरेटिव की लड़ाई बन चुकी है। सोशल मीडिया पर एक अनवेरिफाइड ओपन लेटर वायरल हो रहा है, जिसे कथित तौर पर एक इंडिगो कर्मचारी ने लिखा है। इस कथित 'व्हिसलब्लोअर' ने एयरलाइन की टॉप लीडरशिप पर आरोप लगाया गया है कि उनकी गलत नीतियों, थकान भरे रोस्टर और डर का माहौल बनाकर इंडिगो को इस हालत में पहुंचाया। खासकर CEO Pieter Elbers ने।

यह पत्र ऐसे समय सामने आया है जब DGCA ने एल्बर्स को नोटिस जारी कर पूछा है कि इंडिगो में प्लानिंग, निगरानी और रिसोर्स मैनेजमेंट में हुई गंभीर चूक का जवाब 24 घंटे में दें।

वायरल लेटर में क्या-क्या आरोप हैं?


यह ओपन लेटर 'फैलो सिटिजंस' और इंडिगो मैनेजमेंट के लिए लिखा गया है। इसे लिखने वाले का दावा है कि वह सालों से इंडिगो में काम कर रहा है और उसने 'हर थकान भरी रात, कम वेतन और मुश्किल रोस्टर' झेले हैं।

लेटर में आरोप है कि यह संकट अचानक नहीं आया, बल्कि पायलटों की सुरक्षा चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया। ओवरवर्क करवाकर स्टाफिंग की कमी पैदा की गई। अनुभवहीन लोगों को बड़े पद दिए गए। कंपनी के अंदर डर और दबाव का माहौल बना दिया गया।

पायलटों को धमकाने का आरोप

लेखक का दावा है कि जब पायलटों ने थकान या सुरक्षा को लेकर शिकायत की, तो उन्हें हेड ऑफिस बुलाकर डराया-धमकाया गया, डांटा गया और बेइज्जत किया गया। नाइट ड्यूटी बढ़ाई गईं, छुट्टियां कम कर दी गईं और किसी तरह का अतिरिक्त मुआवजा नहीं दिया गया।

ग्राहकों को लेकर कंपनी के रवैये पर भी आरोप है कि अगर आप उन्हें पैसेंजर कहेंगे, तो वे सोचेंगे कि एयरलाइन उनकी है।

आठ टॉप अफसरों के नाम

लेटर में आठ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि इंडिगो के संकट के यही लोग जिम्मेदार हैं। सबसे ऊपर CEO Pieter Elbers का नाम है, जिन पर यह भी आरोप है कि संकट के दौरान वे नीदरलैंड में छुट्टी पर थे। इंडिगो की सार्वजनिक जानकारी के मुताबिक, टॉप पोजिशन पर फिलहाल ये लोग हैं।

  • इसिडोर पोर्क्वेरास – हेड ऑफ ऑपरेशंस
  • असीम मित्रा – हेड ऑफ फ्लाइट ऑपरेशंस
  • जैसन हर्टर – हेड ऑफ ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर

अभी तक इन अधिकारियों ने इस लेटर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अभी क्यों आ रहा है यह लेटर?

यह लेटर ऐसे समय वायरल हुआ है जब इंडिगो को अपने इतिहास के सबसे बड़े ऑपरेशनल संकट का सामना करना पड़ा है। पिछले हफ्ते सैकड़ों फ्लाइटें रद्द हुईं और कई घंटों की देरी से चलीं।

दरअसल, DGCA ने नए Flight Duty Time Limitation (FDTL) नियम लागू किए थे। इसमें लगातार नाइट ड्यूटी पर सख्ती बढ़ा दी गई। जैसे ही नियम लागू हुए, एयरलाइन की असली पायलट कमी खुलकर सामने आ गई। शनिवार को DGCA ने CEO एल्बर्स को नोटिस भेजकर 24 घंटे में जवाब मांगा और चेतावनी दी कि जवाब संतोषजनक न होने पर कार्रवाई होगी।

इंडिगो बोर्ड ने क्या कदम उठाए?

इंडिगो ने रविवार को बताया कि उसने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (CMG) एक्टिव कर दिया है। यह समूह स्थिति को रियल टाइम में मॉनिटर कर रहा है। इसमें शामिल हैं:

  • चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता
  • डायरेक्टर ग्रेग सरेट्स्की, माइक व्हिटेकर, अमिताभ कांत
  • CEO Pieter Elbers

अन्य बोर्ड मेंबर भी रोजाना होने वाली कॉल्स में शामिल हैं।

लेटर में सरकार से क्या मांग की गई है?

ओपन लेटर लिखने वाले ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह दखल दे और कर्मचारियों को राहत पहुंचाने वाले उपाय करे। जैसे कि...

  • ग्राउंड स्टाफ के लिए न्यूनतम वेतन तय करे।
  • प्रति विमान न्यूनतम स्टाफिंग नियम लागू करे।
  • थकान से जुड़े नियमों में कर्मचारियों को औपचारिक प्रतिनिधित्व दे।

लेटर में दावा किया गया है कि तेज विस्तार और कॉस्ट-कटिंग ने एयरलाइन की सुरक्षा और स्टाफ की भलाई को कमजोर कर दिया है।

लेकिन लेटर अभी भी अनवेरिफाइड

इस ओपन की सत्यता अब तक साबित नहीं हुई है। लिखने वाले ने अपनी पहचान नहीं बताई, न पद, न ही कोई सबूत दिया। इंडिगो ने भी अभी तक इस लेटर पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

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