इंस्टेंट लोन ऐप्स : फटाफट लोन लेने के चक्कर में करना पड़ सकता है भारी नुकसान का सामना! इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है
13 April, 2025 | 10:48 IST
आजकल कुछ मिनटों में लोन मिल जाने का दावा करने वाले इंस्टेंट लोन ऐप्स का चलन तेजी से बढ़ा है. जहां पहले बैंक लोन के लिए लंबे प्रोसेस और वेरिफिकेशन का इंतजार करना पड़ता था, अब लोग मोबाइल ऐप्स की मदद से घर बैठे इंस्टेंट लोन अप्लाई कर पा रहे हैं. लेकिन जितनी आसानी से ये लोन मिलते हैं, उतने ही खतरे भी इनसे जुड़े हुए हैं.
पहले के मुकाबले अब इंस्टेंट लोन ऐप्स ने लोन प्रोसेस को काफी आसान और डिजिटल बना दिया है. जैसे मनीकंट्रोल का प्लेटफॉर्म 50 लाख रुपए तक के लोन की सुविधा देता है. यहां 10.5% से शुरू होने वाले इंटरेस्ट रेट पर पर्सनल और बिजनेस लोन मिलते हैं, वो भी बिना किसी हिडन चार्ज के. लेकिन लोन लेते समय सिर्फ फायदे देखने की बजाय आपको इससे जुड़े कुछ बड़े रिस्क भी समझने होंगे.
डेटा की चोरी : सबसे बड़ा खतरा है आपकी पर्सनल और फाइनेंशियल डिटेल्स के लीक होने का. कई बार डेटा ब्रीच की वजह से आपकी डिटेल्स फ्रॉडस्टर्स तक पहुंच जाती हैं.
पहचान की चोरी : इसके बाद पहचान की चोरी यानी identity theft भी हो सकती है, जिसमें आपकी जानकारी का गलत इस्तेमाल करके कोई भी फर्जीवाड़ा कर सकता है.
फिशिंग : कुछ फर्जी लोन ऐप्स आपको लुभावने ऑफर देकर फंसा सकते हैं. जैसे ही आप अपनी डिटेल्स डालते हैं, वो आपके फोन में मैलवेयर या स्पाईवेयर इंस्टॉल कर देते हैं और आपकी पर्सनल इनफॉर्मेशन चुरा लेते हैं.
अनरेग्युलेटेड लेंडर्स : एक और बड़ा खतरा है अनरेग्युलेटेड लेंडर्स का. कुछ ऐप्स बिना किसी लाइसेंस के ऑपरेट करते हैं, जिन पर आरबीआई की नजर नहीं होती है. ऐसे प्लेटफॉर्म पर लोन लेना आपके लिए भारी पड़ सकता है. इसलिए हमेशा मान्यता प्राप्त ऐप या वेबसाइट से ही लोन लें.
रेग्युलेशन : सबसे पहले ये देखें कि जिस ऐप से आप लोन ले रहे हैं, वो आरबीआई से अप्रूव है या नहीं.
वेबसाइट सिक्योरिटी : लेंडर्स को आपकी गोपनीय जानकारी की सुरक्षा करनी होती है. चेक करें कि वेबसाइट या ऐप पर उचित एन्क्रिप्शन है या नहीं. इससे ट्रांजैक्शन के दौरान आपकी पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी सुरक्षित रहती है.
पारदर्शिता : अच्छा ऐप वही होता है जो इंटरेस्ट रेट, EMI, प्रोसेसिंग फीस जैसी बातों को साफ-साफ बताए. इस दौरान किसी भी तरह के हिडेन चार्जेज को लेकर भी अलर्ट रहें.
डेटा प्राइवेसी पॉलिसी : ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी भी पढ़ें और देखें कि वो आपकी जानकारी को कैसे हैंडल करता है. ऐप या वेबसाइट पर कंपनी की कॉन्टैक्ट डिटेल्स जैसे पता, फोन नंबर और ईमेल भी चेक करें.
कस्टमर सपोर्ट : एक बेहतर कस्टमर सपोर्ट का होना भी जरूरी है ताकि कोई भी दिक्कत होने पर आप बात करके उसे सुलझा सकें.
रिव्यु और सलाह : गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर ऐप के रिव्यु और रेटिंग भी देख लें. साथ ही अगर किसी जान-पहचान वाले ने उस ऐप से लोन लिया हो तो उनकी राय जरूर लें.
कई लोग जरूरत से ज्यादा लोन ले लेते हैं या फिर बिना इंटरेस्ट रेट समझे लोन ले लेते हैं. कुछ लोग फर्जी ऐप्स या लाइसेंस न रखने वालेलेंडर्स के चक्कर में फंस जाते हैं. इसके अलावा रीपेमेंट टर्म्स को बिना समझे लोन लेने से बाद में परेशानी हो सकती है. इसलिए हर लाइन ठीक से पढ़ें, छोटे अक्षरों में जो लिखा हो, उसे भी नजरअंदाज न करें.
अगर सावधानी बरती जाए तो इंस्टेंट लोन ऐप्स से लोन लेना सुरक्षित और आसान हो सकता है. बस शर्त ये है कि आप सही प्लेटफॉर्म चुनें, उसकी विश्वसनीयता को चेक करें और लोन लेने से पहले उसकी सारी शर्तों को समझें.
मनीकंट्रोल जैसे कुछ भरोसेमंद प्लेटफॉर्म्स 100% डिजिटल प्रोसेस के साथ लोन ऑफर करते हैं. यहां सिर्फ तीन स्टेप्स में आप लोन ले सकते हैं – अपनी डिटेल भरें, KYC वेरिफिकेशन करें और EMI सेट करें.
कुल मिलाकर इंस्टेंट लोन ऐप्स से फटाफट लोन मिल जाता है, लेकिन इनसे जुड़े खतरे भी कम नहीं हैं. जानिए किन बातों का ध्यान रखकर आप सुरक्षित तरीके से ऑनलाइन लोन ले सकते हैं.
सारांश
इंस्टेंट लोन ऐप्स से आपको तुरंत पैसे मिल जाते हैं, लेकिन इनसे जुड़े सुरक्षा जोखिमों के बारे में सतर्क रहना बहुत जरूरी है. इसलिए किसी भी बड़े नुकसान से बचने के लिए लोन लेते समय सारी जानकारी ध्यान से पढ़े.
यह अंश/लेख किसी बाहरी पार्टनर द्वारा लिखा गया है और मनीकंट्रोल की संपादकीय टीम के काम को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसमें मनीकंट्रोल द्वारा पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं के संदर्भ शामिल हो सकते हैं।
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