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डिजिटल लोन ऐप्स और वेबसाइट्स की मदद से अब लोन पाना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है. ये ऐप्स तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं क्योंकि ये मल्टीपल लोन ऑप्शंस, फास्ट अप्रूवल और तुरंत डिस्बर्समेंट जैसे फायदे देती हैं. लेकिन जितनी आसानी से ये ऐप्स लोन ऑफर करते हैं, उतना ही बड़ा खतरा फेक लोन ऐप्स के रूप में सामने आ रहा है.
इसलिए ये जानना बेहद जरूरी है कि कैसे पहचानें कि कौन-सी ऐप सेफ है और कौन-सी फ्रॉड हो सकती है. अगर आप भी इंस्टेंट लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो इन जरूरी टिप्स को ध्यान में रखें.
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कम ब्याज़ दरकिसी भी लोन ऐप की विश्वसनीयता जांचने का पहला स्टेप उसकी कॉन्टैक्ट डिटेल्स वेरिफाई करना है. सेफ ऐप्स और कंपनियों के पास हमेशा एक रजिस्टर्ड ऑफिस एड्रेस, कस्टमर सर्विस नंबर और ईमेल आईडी होती है. अगर किसी ऐप की कोई फिजिकल प्रेजेंस नहीं है या उनकी वेबसाइट सही से वर्क नहीं कर रही है, तो वो फ्रॉड हो सकती है.
भारत में सभी लोन देने वाली कंपनियों को RBI से अप्रूवल लेना जरूरी होता है. इसलिए किसी भी इंस्टेंट लोन ऐप का इस्तेमाल करने से पहले ये कन्फर्म कर लें कि वो RBI से रजिस्टर्ड है या नहीं. RBI की वेबसाइट पर ऐसी सभी कंपनियों की लिस्ट मिल जाएगी. बिना अप्रूवल वाली ऐप्स से लोन लेने पर डेटा थेफ्ट, फ्रॉड और हैरेसमेंट जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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Google Play Store और Apple App Store पर किसी भी ऐप की रेटिंग और रिव्यूज को जरूर चेक करें. अगर किसी ऐप के बारे में बार-बार हाई इंटरेस्ट रेट, हिडन चार्जेस या खराब रिकवरी प्रोसेस की शिकायतें मिल रही हैं, तो वो ऐप सेफ नहीं हो सकती.
कई ऐप्स आपके फोन से कॉन्टैक्ट्स, फोटोज, लोकेशन और दूसरी पर्सनल जानकारियां एक्सेस करने की परमिशन मांगती हैं. लेकिन सही ऐप्स हमेशा क्लियरली बताती हैं कि उन्हें किन डिटेल्स की जरूरत है और क्यों. अगर किसी ऐप को जरूरत से ज्यादा एक्सेस चाहिए, तो अलर्ट हो जाएं.
अगर आप लोन के लिए किसी वेबसाइट पर अप्लाई कर रहे हैं, तो पहले ये चेक करें कि वो वेबसाइट सिक्योर है या नहीं. एक सेफ वेबसाइट हमेशा 'https://' से शुरू होती है और उसके URL के पास लॉक आइकन दिखता है. ये साइट्स आपके डेटा को एन्क्रिप्ट करके सिक्योर रखती हैं.
KYC प्रोसेस नहीं होना: हर जेन्युइन लोन ऐप के लिए KYC प्रोसेस अनिवार्य होता है. अगर कोई ऐप बिना KYC के लोन ऑफर कर रही है, तो वो ऐप फ्रॉड हो सकती है.
लोन एग्रीमेंट न देना: सेफ लोन ऐप्स हमेशा एक डिटेल्ड लोन एग्रीमेंट देती हैं, जिसमें इंटरेस्ट रेट, प्रोसेसिंग फीस, रिपेमेंट शेड्यूल और दूसरे टर्म्स क्लियर होते हैं.
एडवांस पेमेंट की मांग: अगर कोई ऐप लोन अप्रूवल से पहले एडवांस में पेमेंट मांगती है, तो तुरंत सावधान हो जाएं. जेन्युइन लेंडर्स कभी भी लोन देने से पहले पैसे नहीं मांगते.
अगर आप सेफ और ट्रांसपेरेंट लोन सॉल्यूशन चाहते हैं, तो ऐसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करें, जो भरोसेमंद हों. मनीकंट्रोल जैसे प्लेटफॉर्म्स आपको 100% पेपरलेस प्रोसेस के जरिए टॉप लेंडर्स से इंस्टेंट पर्सनल लोन ऑफर करते हैं. यहां से आप 50 लाख तक का लोन अप्लाई कर सकते हैं.
कुल मिलाकर इंस्टेंट लोन ऐप्स की सुविधा आकर्षक हो सकती है, लेकिन सेफ्टी से कोई समझौता न करें. फेक ऐप्स की पहचान करने के लिए सतर्क रहें और हमेशा RBI अप्रूव्ड ऐप्स को ही चुनें. लोन लेने से पहले ऐप की वैधता, रिव्यूज और डेटा एक्सेस की शर्तें ध्यान से पढ़ें.
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