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गोल्डमैन सैक्स को भरोसा, अगले साल भी रिकॉर्ड हाई पर पहुंच सकता है गोल्ड

अक्टूबर में गोल्ड अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। हालांकि, गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि सोने की कीमतों में अगले साल और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। केंद्रीय बैंक द्वारा खरीदारी और अमेरिकी ब्याज दर में कटौती की वजह से ऐसा होगा। ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने गोल्ड को 2025 में टॉप कमोडिटी ट्रेड के तौर पर लिस्ट किया है। फर्म का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान गोल्ड की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ब्रोकरेज फर्म के एक एनालिस्ट ने बताया, 'गोल्ड का विकल्प चुनें'

अपडेटेड Nov 18, 2024 पर 7:04 PM
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गोल्ड में इस साल जबरदस्त तेजी देखने को मिली है

अक्टूबर में गोल्ड अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। हालांकि, गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि सोने की कीमतों में अगले साल और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। केंद्रीय बैंक द्वारा खरीदारी और अमेरिकी ब्याज दर में कटौती की वजह से ऐसा होगा। ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने गोल्ड को 2025 में टॉप कमोडिटी ट्रेड के तौर पर लिस्ट किया है। फर्म का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान गोल्ड की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ब्रोकरेज फर्म के एक एनालिस्ट ने बताया, 'गोल्ड का विकल्प चुनें।' इसके लिए दिसंबर 2025 तक 3,000 डॉलर प्रति औंस का टारगेट रखा गया है।

केंद्रीय बैंक की तरफ से मांग बढ़ने से गोल्ड की कीमतों को बढ़ावा मिलेगा, जबकि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती के बाद एक्सचेंज ट्रे़डेड फंड (ETF) में फ्लो बढ़ेगा और साइक्लिकल तेजी भी देखने को मिलेगी। इंटरनेशनल मार्केट में 18 नवंबर को गोल्ड 0.85 पर्सेंट ऊपर 2,585.2 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। चांदी भी 1.36 पर्सेंट ऊपर 30.70 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।

गोल्ड में इस साल जबरदस्त तेजी देखने को मिली है और मामूली गिरावट से पहले कई बार यह रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा। तेजी की मुख्य वजह केंद्रीय बैंकों द्वारा गोल्ड की खरीदारी में तेजी और फेडरल रिजर्व द्वारा मॉनिटरी पॉलिसी में ढील दिए जाने का ऐलान रहा। गोल्डमैन सैक्स के एनालिस्ट का कहना है कि ट्रंप की सत्ता में वापसी से गोल्ड का आकर्षण और बढ़ सकता है।


बहरहाल, अन्य मार्केट्स में ब्रेंट क्रूड की कीमतें अगले साल 70 डॉलर से 85 डॉलर प्रति बैरल की रेंज में रहने का अनुमान है। हालांकि, अगर ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ईरान के ऑयल एक्सपोर्ट को रोकने के लिए कोशिशें तेज करता है, तो कच्चे तेल की कीमतों में शॉर्ट टर्म आधार पर तेजी दिख सकती है। मौसम संबंधी वजहों से यूरोपियन गैस मार्केट में भी कीमतों को लेकर शॉर्ट टर्म आधार पर बढ़ोतरी दिख सकती है।

एनालिस्ट्स के मुताबिक, नए अमेरिकी प्रशासन की वजह से ईरान की सप्लाई को लेकर जोखिम बढ़ गया है।

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