भारतीय शेयर बाजार भले ही खराब दौर से गुजर रहा हो, लेकिन इससे फर्स्ट-टाइम निवेशकों को कोई परेशानी नहीं हो रही है। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (Central Depository Services (India) Ltd(CDSL) ने 1 मार्च को कहा कि उसके पास अब छह करोड़ सक्रिय डीमैट अकाउंट हैं। नवंबर 2021 में इनके पास 5 करोड़ अकाउंट्स थे। इस लिहाज से देखा जाये तो एक और करोड़ अकाउंट्स जोड़ने में सक्रिय डीमैट खातों की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी को केवल 3 महीने का समय लगा।
सीडीएसएल के एमडी और सीईओ नेहल वोरा (CDSL MD & CEO Nehal Vora) ने कहा "यह माइलस्टोन और वृद्धि कैपिटल मार्केट रेगुलेटर, मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशंस, मार्केट मीडियेटरीज और सीडीएसएल के कर्मचारियों के कारण प्राप्त हुई है। सेबी (SEBI) की सालों की दूरदर्शिता, कड़ी मेहनत और इनोवेशन के कारण डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया को सुरक्षित और सरल बना दिया है। ”
बता दें कि CDSL की स्थापना सभी मार्केट पार्टिसिपंट्स को सस्ती कीमत पर सुविधाजनक, भरोसेमंद और सुरक्षित डिपॉजिटरी सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।
गौरतलब है कि डीमैट खाता ट्रेडेबल एसेट्स के स्वामित्व का एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड होता है। शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड आदि को खरीदने या बेचने के लिए इसकी आवश्यकता होती है।
सीडीएसएल के अध्यक्ष बी वी चौबल (CDSL chairman BV Chaubal) ने कहा कि यह देखकर सुकून मिलता है कि नए डीमैट खातों के पंजीकरण का फोकस अब महानगरों से tier II and III शहरों में शिफ्ट हो रहा है जो भारतीय कैपिटल मार्केट के विस्तार का संकेत है।
चौबल ने कहा "अब हमारे पास 6 करोड़ डीमैट खाते हैं, फिर भी हमारे डीमैट खाते अभी भी पूरी आबादी के लिहाज से बहुत कम हैं। हमारे देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी इंडियन सिक्योरिटीज मार्केट से बाहर होने के कारण ग्रोथ के लिए एक बड़ा अवसर अभी भी मौजूद है। ”
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक जनवरी 2022 तक CDSL के पास 5.85 करोड़ डीमैट खाते थे और इन खातों में रखे गये एसेट्स का मूल्य 37.90 लाख करोड़ रुपये था। वहीं दूसरी तरफ नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (National Securities Depository Ltd(NSDL) के पास 2.54 करोड़ डीमैट खाते थे और उसमें रखे गये एसेट्स का मूल्य 3 लाख करोड़ रुपये था