इस बार अक्टूबर-दिसंबर 2021 के लिए उम्मीद से कमजोर जीडीपी डेटा के बाद अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2022 में भारत की ग्रोथ के लिए अपने पूर्वानुमान को कम करना शुरू कर दिया है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) द्वारा 28 फरवरी को जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 की अंतिम तिमाही में भारत की जीडीपी में केवल 5.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो मनीकंट्रोल सर्वेक्षण (Moneycontrol survey) के आंकड़े 6.2 प्रतिशत की अपेक्षा से काफी कम है।
अक्टूबर-दिसंबर 2021 की ग्रोथ रेट 5.4 प्रतिशत होना भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दिसंबर 2021 में किए गए 6.6 प्रतिशत के पूर्वानुमान से 120 बेसिस प्वाइंट कम रही। RBI ने तिमाही के लिए 10 फरवरी को जारी Monetary Policy Committee के नवीनतम रिजोल्यूशन में अपडेटेड पूर्वानुमान नहीं बताया।
IDFC First Bank's India economist के गौरा सेन गुप्ता ने कहा, "वित्त वर्ष 2022 के पूरे वर्ष के लिए हम अपने सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि (GDP growth) के अनुमान को 8.9 प्रतिशत तक संशोधित करते हैं। ओमीक्रोन लहर के कारण Q4 में गतिविधि के स्तर में कुछ कमी आने की उम्मीद है, लेकिन यह पिछली लहरों की तुलना में बहुत कमजोर होने की उम्मीद है।"
बता दें कि गौरा सेन गुप्ता ने इसके पहले वित्त वर्ष 22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.2 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद की थी।
इसी तरह के डाउनवर्ड संशोधन करने वाले अन्य लोगों में Acuite Ratings शामिल हैं, जिसने इसके पूर्वानुमान को 30 बेसिस प्वाइंट्स से घटाकर 9.2 प्रतिशत कर दिया है। अनुमान में सबसे बड़ी गिरावट Barclays की ओर से देखने को मिली जिन्होंने इस वर्ष के लिए अपने अनुमान को 120 बेसिस प्वाइंट्स से घटाकर 8.8 प्रतिशत कर दिया है।
बार्कलेज के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया (Rahul Bajoria, Barclays' chief India economist) के अनुसार रिकवरी "थकान के संकेत दिखा रही है जो कि आपूर्ति की कमी के कारण नीचे जा रही है।" बाजोरिया ने 28 फरवरी को एक नोट में कहा, "जनवरी में ओमीक्रोन का असर हल्का रहा फिर भी 2022 की पहली तिमाही में रिकवरी को और घटा सकता है।"
दूसरे अग्रिम अनुमान से पता चलता है कि जनवरी-मार्च 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 4.8 प्रतिशत तक कम हो जाएगी, जिसके लिए डेटा 31 मई को जारी किये जायेंगे। हालांकि अर्थशास्त्री इस घटे हुए ग्रोथ आंकड़े में भी डाउनसाइड देखते हैं।
भारतीय स्टेट बैंक के समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष (Soumya Kanti Ghosh, State Bank of India's group chief economic adviser) ने कहा, "ओमीक्रॉन वैरिएंट का असर (हालांकि इतना गंभीर नहीं) और Q4 में रूस-यूक्रेन संकट को देखते हुए, हम मानते हैं कि Q4 जीडीपी ग्रोथ 4.5 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है।"