NPS Scheme: सरकार की तरफ से साल 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए खास तौर पर राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) को शुरू किया गया था। यह योजना सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के वक्त फायदा देने के लिए शुरू की गई थी। हालांकि साल 2009 में इस योजना को दूसरे सभी लोगों को शामिल करने का फैसला किया गया था। NPS सरकार और पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपेंट अथॉरिटी की तरफ से चलाई जाती है। इसे रिटायरमेंट के लिए एक लंबी अवधि वाली योजना के तौर पर डिजाइन किया गया है जिसमें आप अपने हिसाब से निवेश कर सकते हैं।
NPS देती है पेंशन का फायदा
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) योजना रिटायरमेंट के वक्त पेंशन का आश्वासन देती है। इसके अलावा इस स्कीम में पर्याप्त निवेश की संभावना भी है। हालांकि यह योजना एक तय पेंशन की गारंटी नहीं देती है। इस योजना को सरकारी कर्मचारियों को उनकी नौकरी के दौरान अपने पेंशन खातों में लगातार पैसा डालने के लिए मोटिवेट करने के लिए शुरू किया गया है।
रिटायरमेंट के वक्त निकाल सकते हैं पैसा
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) से रिटायरमेंट के वक्त जमा की गई रकम का एक हिस्सा निकाला जा सकता है। वहीं बाकी की रकम मंथली किश्त के तौर पर जमाकर्ताओं को दी जाती है। इसकी वजह से लोगों को रिटायरमेंट के बाद भी हर महीने कमाई का फायदा मिलता है। NPS को दो लेवल में बांटा जाता है। जिनके नाम है टियर-1 खाता और टियर-2 खाता। टियर-1 खाते से रिटायरमेंट के बाद ही पैसा निकाला जा सकता है। लेकिन टियर-2 खातों से पहले भी पैसा निकाला जा सकता है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) की एक बड़ी खासियत यह भी है कि यह योजना जमाकर्ताओं को टैक्स में छूट का फायदा भी देती है। NPS योजना इनकम टैक्स की धारा 80CCD के तहत जमाकर्ताओं को उनके निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट देती है। NPS कॉर्पस का 60 प्रतिशत निकालने पर यह कर-मुक्त हो जाता है। वहीं अगर ब्याज की बात करें तो NPS के तहत निवेशकों को सालाना 9-12 फीसदी ब्याज का फायदा मिलता है।