महाराष्ट्र सरकार की 'माझी लाडकी बहन योजना' के तहत 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं के लिए इस वक्त सबसे बड़ा अपडेट आया है। योजना का लाभ हर महिला तक लगातार पहुंचे, इसके लिए सरकार ने ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है। यदि लाभार्थी महिलाएं 18 नवंबर 2025 तक अपना ई-केवाईसी पूरा नहीं करतीं, तो उनकी अगली ₹1500 रुपए की किस्त रुक सकती है।
क्यों जरूरी है ई-केवाईसी?
महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, फिलहाल योजना के लगभग 2.35 करोड़ लाभार्थी हैं, जिनमें से 1.3 करोड़ महिलाओं ने ही ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी की है। बड़ी संख्या में लाभार्थी महिलाओं की सूची में फर्जीवाड़े की शिकायतें आई थीं... कई नाम गलत तरीके से शामिल पाए गए और हटाए गए। अब सरकार ने पहचान सत्यापन के लिए ई-केवाईसी को ऑनलाइन करना अनिवार्य कर दिया है। यह प्रक्रिया आसानी से योजना की वेबसाइट पर पूरी की जा सकती है आधार नंबर, बैंक खाता, और जरुरी दस्तावेज तैयार रखें तथा OTP के माध्यम से इसे पूरा करें।
सरकार हर महीने पात्र महिलाओं को ₹1500 ट्रांसफर करती है; इससे पहले चुनावी समय में महिला लाभार्थियों की सूची और राशि को लेकर लगातार सवाल उठते रहे। कई बार डेडलाइन आगे बढ़ाने की बात सामने आती रही है, लेकिन वर्तमान में विभाग इस तारीख को लेकर सख्त है। महिलाएं यदि समय रहते दस्तावेज़ और पहचान सत्यापन नहीं करातीं, तो उन्हें हर महीने मिलने वाली ₹1500 की सहायता रुक सकती है।
इसके साथ स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर सरकार फिलहाल लाभार्थियों के प्रति सख्ती नहीं दिखाना चाहती, पर आगे चुनाव या बजट के बाद नियम और भी कड़े हो सकते हैं।
लाभार्थी महिलाओं को सलाह दी जा रही है कि वे योजना की वेबसाइट पर जाकर डॉक्युमेंट्स (आधार, बैंक पासबुक, आय प्रमाण-पत्र) तैयार रखें और 18 नवंबर से पहले ई-केवाईसी पूरा करें।
इस प्रक्रिया में किसी भी दिक्कत के लिए नजदीकी सहायता केंद्र या पंचायत कार्यालय से मदद ली जा सकती है। समय रहते प्रक्रिया पूरी करने पर ही हर महीने मिलने वाली आर्थिक सहायता निर्बाध रूप से जारी रह पाएगी।