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Life Insurance new rules: तय समय से पहले पॉलिसी सरेंडर करने पर बीमा कंपनी ज्यादा पैसे लौटाएगी, नए नियम 1 अक्टूबर से लागू

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू के नए नियम 1 अक्टूबर से लाग हो गए हैं। पहले अगर कोई पॉलिसीहोल्डर एक साल बाद लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी बंद कराता था तो बतौर प्रीमियम चुकाया गया उसका पूरा पैसा डूब जाता था। अब उसे चुकाए गए प्रीमियम का कुछ हिस्सा वापस मिल जाएगा

अपडेटेड Oct 01, 2024 पर 1:13 PM
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यह नियम लाइफ इंश्योरेंस के एन्डॉमेंट पॉलिसी के लिए है। एन्डॉमेंट पॉलिसी का मतलब ऐसी पॉलिसी से है, जिसमें इंश्योरेंस के साथ सेविंग्स का कंपोनेंट भी होता है।

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के नए नियम आज यानी 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं। इस बारे में इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीआईए ने जून में एक मास्टर सर्कुलर जारी किया था। इंश्योरेंस रेगुलेटर के नए नियम बीमा के नए प्रोडक्ट्स पर तुरंत लागू हो गए थे। मार्केट में पहले से मौजूद प्रोडक्ट्स के नियमों में बदलाव करने के लिए इंश्योरेंस कंपनियों को 30 सितंबर तक का समय दिया गया था। अब लाइफ इंश्योरेंस की एन्डॉमेंट पॉलिसी को तय समय से पहले बंद कराने पर पॉलिसीहोल्डर्स को बीमा कंपनी से ज्यादा पैसे मिलेंगे।

पहले प्रीमियम का पूरा पैसा डूब जाता था

पहले अगर कोई पॉलिसीहोल्डर एक साल बाद लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) बंद कराता था तो बतौर प्रीमियम चुकाया गया उसका पूरा पैसा डूब जाता था। अब उसे चुकाए गए प्रीमियम का कुछ हिस्सा वापस मिल जाएगा। यह नियम लाइफ इंश्योरेंस के एन्डॉमेंट पॉलिसी के लिए है। एन्डॉमेंट पॉलिसी का मतलब ऐसी पॉलिसी से है, जिसमें इंश्योरेंस के साथ सेविंग्स का कंपोनेंट भी होता है। नए नियम के लागू होने से एन्डॉमेंट पॉलिसी में इंश्योरेंस कंपनियों का मार्जिन घट जाएगा। यह समझना जरूरी है कि नया नियम ULIP और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी पर लागू नहीं होगा।


बीमा कंपनियों ने नए नियम का विरोध किया था

इरडा के नए नियम का ड्राफ्ट पेश करने के बाद मई और जून में ज्यादातर जीवन बीमा कंपनियों ने इसका विरोध किया था। उनका कहना था कि नए नियम से उनके एसेट-लायबिलिटी का संतुलन बिगड़ सकता है, क्योंकि ये इंश्योरेंस प्लान लॉन्ग टर्म के होते हैं। इससे बीमा कंपनियों को लिक्विडिटी मिलती है। उनकी यह भी दलील थी कि नए नियम का खराब असर उन पॉलिसीहोल्डर्स पर पड़ेगा, जो मैच्योरिटी तक पॉलिसी जारी रखते हैं। उनका रिटर्न घट सकता है।

पिछले कई साल से सरेंडर वैल्यू के नए नियम पर हो रहा था विचार

एक बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के सीईओ ने कहा, "अगर ग्राहक को गलत तरीके से पॉलिसी बेची गई है तो हमने पूरा प्रीमियम लौटाने का विकल्प दिया था न कि सिर्फ ज्यादा सरेंडर वैल्यू देने का। अपफ्रंट चार्जेज ज्यादा होते हैं और शुरुआती सालों में चुकाए गए कमीशन की भरपाई करना मुश्किल है।" दरअसल, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू और चार्जेज के मसले पर दिसंबर 2022 में ही चर्चा शुरू हो गई थी। बाद में इस मसले पर कई ड्राफ्ट और डिस्कशन पेपर आए। आखिरकार इंश्योरेंस रेगुलेटर ने मार्च 2024 में नए प्रोडक्ट्स के लिए नए नियम जारी किए। जून में इरडा ने मास्टर सर्कुलर जारी किया।

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पॉलिसीहोल्डर को नए नियम से होगा फायदा

कुछ लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों ने नए नियमों का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे पॉलिसीहोल्डर्स को फायदा होगा। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर पॉलिसीज शुरुआती सालों में ही बंद हो जाती हैं। एक कैलकुलेशन के मुताबिक, मान लीजिए किसी ग्राहक ने ऐसी एन्डॉमेंट पॉलिसी खरीदी है जिसका सालाना प्रीमियम 1.2 लाख रुपये है। यह पॉलिसी 10 साल की है और इसमें 5 साल तक ही प्रीमियम चुकाना है। नए नियम के हिसाब से इस पॉलिसी को पहला प्रीमियम चुकाने के बाद सरेंडर करने पर 1.06 लाख रुपये वापस मिलेंगे। पहले के नियम में ग्राहक को एक भी पैसा नहीं मिलता था।

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