अगर आप स्टॉक मार्केट्स के कैश सेगमेंट और फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) में ट्रेडिंग करते हैं तो आपके लिए कई नियम आज यानी 1 अक्टूबर से बदल गए हैं। फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंग पर 1 अक्टूबर से ज्यादा सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) लगेगा। इसका ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल 23 जुलाई को पेश यूनियन बजट में किया था। एनएसई और बीएसई ने ब्रोकर्स के लिए नए ट्रांजेक्शन चार्जेज के ऐलान किए थे। ये 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं। शेयर बायबैक के टैक्स के नए नियम 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं। आइए इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
शेयर बायबैक के टैक्स के नए नियम
सरकार ने इस साल यूनियन बजट में शेयर बायबैक के टैक्स के नियम में बदलाव का ऐलान किया था। नए नियम 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं। अब शेयर बायबैक में पार्टसिपेट करने वाले इनवेस्टर को कैपिटल गेंस पर टैक्स चुकाना होगा। पहले शेयर बायबैक पर कंपनियों को 20 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता था। बायबैक प्रोग्राम में पार्टिसिपेट करने वाले इनवेस्टर्स पर कोई टैक्स नहीं लगता था। अब बायबैक से होने वाले कैपिटल गेंस को डिविडेंड इनकम माना जाएगा। इस पर इनवेस्टर के इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।
NSE और BSE के कैश और एफएंडओ सेगमेंट में फीस के नए स्ट्रक्चर 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं। एनएसई के कैश सेगमेंट में प्रत्येक 1 लाख रुपये की ट्रेडेड वैल्यू पर 2.97 रुपये की फीस लगेगी। बायर और सेलर दोनों को यह फीस चुकानी होगी। इक्विटी फ्यूचर्स में हर एक लाख रुपये पर 1.73 रुपये की फीस लगेगी, जो दोनों पक्षों को चुकानी होगी। इक्विटी ऑप्शंस में प्रत्येक एक लाख रुपये की प्रीमियम वैल्यू पर 35.03 रुपये की फीस लगेगा। बीएसई में सेंसेक्स और बैंकेक्स ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स पर ट्रांजेक्शन फीस बढ़ जाएगी। यह प्रत्येक 1 करोड़ रुपये की प्रीमियम टर्नओवर वैल्यू पर 3,250 रुपये होगी।
एफएंडओ ट्रेड पर अब ज्यादा एसटीटी
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग पर अब ज्यादा सिक्योरिटी ट्राजेक्शन टैक्स (STT) चुकाने होंगे। नए नियम 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं। इसका ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को यूनियन बजट में किया था। सरकार ने एफएंडओ ट्रेडिंग में रिटेल इनवेस्टर्स के पार्टिसिपेशन पर अंकुश लगाने के लिए एसटीटी बढ़ाने का फैसला किया है। एसटीटी ऐसा टैक्स है, जो सिक्योरिटीज खरीदने और बेचने पर लगाता है। सिक्योरिटीज में शेयर, फ्यूचर और ऑप्शंस शामिल हैं। ऑप्शंस प्रीमियम पर एसटीटी बढ़कर 0.1 फीसदी हो जाएगा। फ्यूचर्स पर एसटीटी बढ़कर ट्रेड प्राइस का 0.02 फीसदी हो जाएगा।
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बोनस इश्यू के शेयरों में ट्रेडिंग के नए नियम
1 अक्टूबर को या इसके बाद ऐलान होने वाले सभी बोनस इश्यू के शेयर रिकॉर्ड डेट के 2 दिन बाद से ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे। पहले रिकॉर्ड डेट के दो हफ्ते बाद बोनस इश्यू के शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते थे। रिकॉर्ड डेट का मतलब उस तारीख से है, जिसके आधार पर कंपनी शेयरधारक को बोनस इश्यू में शेयरों के आवंटन का हकदार मानती है। दरअसल, SEBI ने इस बारे में 16 सितंबर को एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें बोनस शेयरों के लिए T+2 ट्रेडिंग शुरू करने का ऐलान किया गया था।