1 नवंबर 2025 से बैंकों में खाता धारक अपने खाते में एक नहीं, बल्कि चार लोगों को नॉमिनी के रूप में जोड़ सकेंगे। यह बदलाव बैंकिंग लॉज (अमेंडमेंट) एक्ट 2025 के तहत आया है, जिसका मकसद क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया को आसान, पारदर्शी और विवाद रहित बनाना है। इससे खाताधारक अपनी जमा राशि या लॉकर की सामग्री का विभाजन अलग-अलग नॉमिनियों में कर सकते हैं और प्रतिशत हिस्सा तय कर सकते हैं।
ग्राहक चार नॉमिनी एक साथ चुन सकते हैं या क्रमबद्ध तरीके से भी नामांकन कर सकते हैं। यदि क्रमबद्ध चुना गया हो, तो पहले नॉमिनी के बाद दूसरे को अधिकार मिलेगा, फिर तीसरे और चौथे को। इससे एक नॉमिनी के न रहने पर ऑटोमैटिक अगले नॉमिनी को क्लेम का अधिकार मिल जाता है, जिससे विवादों की संभावना कम हो जाती है।
लॉकर या सेफ कस्टडी सामग्री में भी ग्राहक अब चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं, लेकिन ये नामांकन केवल क्रमिक होंगे। यानी पहले नॉमिनी की मृत्यु के बाद ही दूसरा अधिकार प्राप्त करेगा और इसी तरह आगे का क्रम लागू होगा। यह व्यवस्था बैंक लॉज अधिनियम की नई संशोधन के हिस्से में है।
इस नए नियम से खाताधारकों के लिए अपने परिवार या भरोसेमंद लोगों को पैसे या सामान का हिस्सा देने की प्रक्रिया आसान होगी। खाता धारक के निधन के बाद क्लेम सेटलमेंट तेजी से होगा और लंबी कानूनी पचड़ों से बचाव होगा। इससे परिवारों में वित्तीय झगड़ों की संभावना कम होगी और बैंकों में भी क्लेम संबंधित कामकाज सरल होगा।
कहां से शुरू हो रही है यह व्यवस्था?
यह नियम 15 अप्रैल 2025 को बैंकिंग कानून (अमेंडमेंट) अधिनियम के तहत नोटिफाई हुआ था, जिसमें पिछले कई बैंकिंग कानूनों में 19 संशोधन किए गए हैं। 1 नवंबर 2025 से यह बदलाव प्रभावी होकर पूरे देश में लागू हो जाएंगे, जिससे बैंकों में इस प्रक्रिया की पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों को सुविधा मिलेगी।
1 नवंबर से लागू होने वाला यह नया बैंकिंग नियम खाता धारक के लिए बड़ा राहत भरा कदम है। इससे वे अपने बैंक अकाउंट और लॉकर में एक से अधिक नॉमिनी रख पाएंगे, अपने धन और समान की सुरक्षा करेंगे और परिवार के बीच क्लेम सेटलमेंट में आसानी आएगी।