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CIBIL Score: पहली बार लोन लेने वालों के लिए जरूरी नहीं CIBIL स्कोर, सरकार ने किया साफ

CIBIL Score: वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि लोन मंजूरी के लिए न्यूनतम CIBIL स्कोर अनिवार्य नहीं है। आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, बैंक केवल कम या शून्य स्कोर के आधार पर आवेदन खारिज नहीं कर सकते और अन्य फैक्टर्स भी जांचने होंगे। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Aug 24, 2025 पर 4:18 PM
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CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच का तीन अंकों का नंबर होता है, जो किसी शख्स की 'क्रेडिट योग्यता' को दिखाता है।

CIBIL Score: क्या बिना क्रेडिट हिस्ट्री के भी बैंक से लोन लेना मुमकिन है? आमतौर पर लोग मानते हैं कि अगर CIBIL स्कोर नहीं है, तो लोन का दरवाजा अपने आप बंद हो जाता है। लेकिन हकीकत इतनी सीधी नहीं है। हाल के सालों में बैंक और NBFC ने नए नियम बनाए हैं, जिनकी वजह से ऐसे लोगों के लिए भी रास्ता खुल सकता है जिनका कभी कोई लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं रहा।

सवाल ये है कि आखिर बैंक किन आधारों पर ऐसे आवेदकों पर भरोसा करते हैं और क्या वाकई बिना क्रेडिट हिस्ट्री के लोन पाना उतना मुश्किल है जितना लोग सोचते हैं? सरकार ने इस मामले में नियम साफ किए हैं।

न्यूनतम CIBIL स्कोर अनिवार्य नहीं


वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पहली बार लोन लेने वालों के लिए न्यूनतम CIBIL स्कोर अनिवार्य नहीं है। लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशों के अनुसार, बैंकों को केवल क्रेडिट स्कोर कम होने या शून्य होने की वजह से किसी आवेदक का लोन आवेदन खारिज नहीं करना चाहिए।

ड्यू डिलिजेंस अनिवार्य

पहली बार लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए CIBIL स्कोर जरूरी नहीं होगा। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने बैंकों को आगाह किया है कि वे वाजिब ड्यू डिलिजेंस अपनाएं और लोन लेने वालों के बैकग्राउंड की जांच करें। इसमें आवेदकों के भुगतान रिकॉर्ड, पिछली देनदारियां, भुगतान में देरी, सेटल किए गए या री-स्ट्रक्चर लोन, और राइट-ऑफ किए गए खातों जैसी जानकारियां जांचना शामिल है।

चौधरी ने कहा, "क्रेडिट संस्थानों के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज के तहत, रिजर्व बैंक ने 6 जनवरी 2025 को जारी मास्टर डायरेक्शन में सलाह दी है कि पहली बार लोन लेने वालों के आवेदन को सिर्फ इस आधार पर अस्वीकार न किया जाए कि उनके पास कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है।"

मिनिमम स्कोर तय नहीं

सरकार ने स्पष्ट किया है कि लोन आवेदन के लिए RBI ने किसी भी तरह का न्यूनतम क्रेडिट स्कोर तय नहीं किया है। यानी बैंक और अन्य ऋणदाता केवल CIBIL स्कोर के आधार पर फैसला नहीं लेंगे, बल्कि वे अपनी बोर्ड-अप्रूव्ड पॉलिसी, रेगुलेटरी गाइडलाइंस, मौजूदा देनदारियां और उधार चुकाने की क्षमता जैसे कई फैक्टर को देखकर फैसला करेंगे। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट इसमें सिर्फ सहायक इनपुट होगी, न कि अंतिम आधार।

क्या है CIBIL स्कोर?

CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच का तीन अंकों का नंबर होता है, जो किसी शख्स की 'क्रेडिट योग्यता' को दिखाता है। यह स्कोर क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL) द्वारा तैयार किया जाता है। यह स्कोर बैंक और वित्तीय संस्थानों के लिए यह तय करने का एक अहम आधार होता है कि कोई व्यक्ति पर्सनल, होम, गोल्ड या अन्य बैंक लोन लेने के योग्य है या नहीं।

फीस पर RBI का कंट्रोल

मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां किसी व्यक्ति से उसकी क्रेडिट रिपोर्ट देने के लिए अधिकतम ₹100 तक का शुल्क ही वसूल सकती हैं।

उन्होंने कहा, "क्रेडिट स्कोर के लिए शुल्क RBI द्वारा क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां रेगुलेशन, 2006 के तहत नियंत्रित है, जिसमें स्पष्ट है कि कोई CIC किसी व्यक्ति से उसकी अपनी क्रेडिट जानकारी देने के लिए ₹100 से अधिक शुल्क नहीं ले सकती। इसके अलावा, RBI ने 1 सितंबर 2016 को जारी सर्कुलर के तहत हर CIC को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे साल में एक बार सभी व्यक्तियों को उनकी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में मुफ्त उपलब्ध कराएं।"

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