कई लोग एन्युटी के रूप में हर महीने मिलने वाली इनकम पर टैक्स के नियमों को लेकर कनफ्यूजन में रहते हैं। नोएडा के रहने वाले मनोज शर्मा को भी एन्युटी इनकम के बारे में कुछ कनफ्यूजन है। उन्होंने पूछा है कि उन्हें एलआईसी से एन्युटी के रूप में हर महीने 10,122 रुपये मिलते हैं। यह एन्युटी रिटायरमेंट पर एंप्लॉयर से मिले पैसे से खरीदी गई थी। वह जानना चाहते हैं कि इस पर इनकम के किस हेड के तहत टैक्स लगेगा? वह यह भी जानना चाहते हैं कि क्या वह स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं? मनीकंट्रोल ने यह सवाल टैक्स एक्सपर्ट, सीए और सीएफपी बलवंत जैन से पूछा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम करने का नियम
जैन ने बताया कि Income Tax की ओल्ड रीजीम में ऐसी इनकम जो 'सैलरीज' के तहत आती है, उस पर एंप्लॉयी हर फाइनेंशियल ईयर में 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकता है। अगर एंप्लॉयीज इनकम टैक्स की नई रीजीम को सेलेक्ट करता है तो वह 75,000 स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकता है। सैलरी चाहे एरियर, एडवान्स या करेंट पीरियड को हो, उस पर स्टैंडर्ड डिडक्शन का दावा किया जा सकता है। अगर एंप्लॉयी को अपने पुराने एंप्लॉयी से पेंशन मिलती है तो उस पर बतौर 'सैलरी' टैक्स लगेगा।
एंप्लॉयर से मिले पैसे से खरीदी गई एन्युटी पर टैक्स के नियम
उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के बाद व्यक्ति को एंप्लॉयर या किसी दूसरे स्रोत से इनकम होती है तो उस पर 'सैलरी' हेड के तहत टैक्स लगेगा। टैक्सपेयर इस तरह की पेंशन इनकम पर स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकता है। इसी तरह किसी रिटायर्ड व्यक्ति को ईपीएफओ या किसी इंश्योरेंस कंपनी से एंप्लॉयर की तरफ से खरीदी गई एन्युटी से पेंशन मिलती है तो उस पर 'सैलरी' के तहत टैक्स लगेगा। व्यक्ति उस पर स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकता है। इसलिए मनोज शर्मा को एलआईसी से मिलने वाली एन्युटी पर टैक्स चुकाना होगा। वह स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
खुद के पैसे से खरीदी गई एन्युटी पर टैक्स के अलग नियम
जैन ने कहा कि यह ध्यान में रखने वाली बात है कि कोई पीरियोडिक पेमेंट जो एन्युटी से पेंशन के रूप में मिलती है लेकिन एन्युटी आपके एंप्लॉयर की तरफ से नहीं खरीदी गई है बल्कि खुद आपकी तरफ या किसी दूसरे व्यक्ति की तरफ से खरीदी गई है तो उस पर 'सैलरी' के तहत टैक्स नहीं लगेगा। उस पर 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज' के तहत टैक्स लगेगा। फिर इस इनकम पर आप स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम नहीं कर सकेंगे।