सोने में निवेश करने वाले लोगों के लिए यह मौका जश्न मनाने का है। पिछले धनतरेस से इस धनतेरस की बीच सोने ने 55 फीसदी का बंपर रिटर्न दिया है। इसके मुकाबले निफ्टी 50 ने इस दौरान सिर्फ 3.5 फीसदी रिटर्न दिया है। दरअसल, धनतेरस पर भारत में गोल्ड खरीदने का चलन है। मान्यता है कि इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस बार धनतेरस 18 अक्टूबर को है।
इस साल गोल्ड ने किया मालामाल
पिछले कुछ समय से Gold की कीमतों में जबर्दस्त तेजी दिख रही है। दुनिया के कई देशों के केंद्रीय बैंक गोल्ड खरीद रहे है। जियोपॉलिटिकल टेंशन काफी ज्यादा रहा है। उधर, अमेरिका में केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट घटाने के अनुमान से भी सोने को सपोर्ट मिल रहा है। 16 अक्टूबर के इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिशन की कीमतों के मुताबिक, सोने का भाव 1,26,338 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा है।
इंटरेस्ट रेट घटने से बढ़ेगी गोल्ड की चमक
एक्सिस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटीज) देवेया गगलानी ने कहा, "अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने 17 सितंबर को इस साल पहली इंटरेस्ट रेट में कमी की। उसने इसमें 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की। इस साल के अंत तक इंटरेस्ट रेट में दो बार और कमी की उम्मीद है।" अमेरिका में इंटरेस्ट रेट घटने से डॉलर में कमजोरी आती है। इससे सोने की चमक बढ़ जाती है। इसका मतलब है कि फेड के इंटरेस्ट घटाने से सोने को सपोर्ट मिलेगा।
बीते पांच सालों में साल दर साल बढ़ता गया रिटर्न
अगर बीते 5 सालों की बात करें तो 2021 को छोड़ सोने ने हर साल डबल डिजिट रिटर्न दिया है। 2022 में इसने 10 फीसदी रिटर्न दिया था। 2023 में इसने 20 फीसदी रिटर्न दिया था। 2024 में इसने 30 फीसदी रिटर्न दिया था। इस तरह से बीते पांच सालों में साल दर साल सोने का रिटर्न बढ़ता गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने के बावजूद सोने में सेटीमेंट मजबूत है।
इस पर बिक्री पर ऊंची कीमतों का असर पड़ सकता है
पीपी ज्वेलर्स के डायरेक्टर पीपी गुप्ता ने कहा, "इस बार धनतेरस पर वॉल्यूम थोड़ा कम रह सकता है, लेकिन वैल्यू ग्रोथ अच्छी रहेगी। इस साल वॉल्यूम के लिहाज से सेल्स पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी रहने की उम्मीद है। लेकिन, वैल्यू के लिहाज से 15-20 फीसदी की अच्छी ग्रोथ दिख सकती है। यह दिखाता है कि गोल्ड निवेश के लिए भरोसेमंद जरिया है। कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच भी गोल्ड की चमक बनी रहती है।"
इस साल केंद्रीय बैंकों की खरीदारी 1,000 टन रह सकती है
एनालिस्ट्स का कहना है कि गोल्ड में बुलिश ट्रेंड जारी रहेगा। सोने की खरीदारी में केंद्रीय बैंक सबसे आगे हैं। पिछले साल उन्होंने 1,180 टन गोल्ड खरीदा था। इस साल भी गोल्ड की उनकी खरीदारी 1,000 टन रह सकती है। उधर, गोल्ड ईटीएफ में बढ़ता निवेश और इंटरेस्ट रेट में कमी का भी गोल्ड की कीमतों पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। गगलानी का कहना है कि मैक्रोइकोनॉमिक रिस्क बढ़ने से सोने को मजबूती मिलेगी।
अगले साल धनतेरस पर 1.5 लाख प्रति 10 ग्राम रह सकती है कीमत
गगलानी ने कहा, "केंद्रीय बैंकों खासकर अमेरिका में बहुत ज्यादा नोट छापने से हाइपरइनफ्लेशन की स्थिति बनेगी, जिससे दुनिया की बड़ी करेंसी की वैल्यू गिरेगी और इनवेस्टर्स का झुकाव बुलियन की तरफ बढ़ेगा। अगर केंद्रीय बैंक की तरफ से सोने की खरीदारी जारी रहती है तो अगले साल धनतेरस तक सोने की कीमत 1,50,00 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच जाएगी।"