NACH 3.0: सैलरी-पेंशन से EMI-SIP तक, सभी ट्रांजेक्शन होंगे फास्ट; सरकार अपग्रेड कर रही यह सिस्टम

NACH 3.0: जुलाई 2025 में लॉन्च होने वाला NACH 3.0 सैलरी, EMI, SIP जैसे पेमेंट्स को पहले से तेज और सुरक्षित बनाएगा। NPCI के मुताबिक, इसमें बेहतर इंटरफेस, रियल-टाइम मॉनिटरिंग और मजबूत साइबर सिक्योरिटी फीचर्स शामिल होंगे। जानिए इस सिस्टम की पूरी डिटेल।

अपडेटेड Jun 23, 2025 पर 4:44 PM
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नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) एक केंद्रीकृत क्लियरिंग सिस्टम है।

NACH 3.0: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) जुलाई 2025 के पहले सप्ताह में NACH 3.0 (National Automated Clearing House) सिस्टम लॉन्च करने जा रहा है। इस नए वर्जन के लागू होने से सैलरी, पेंशन, EMI, SIP जैसे रेगुलर बैंकिंग ट्रांजेक्शन पहले से तेज और ज्यादा सुरक्षित हो जाएंगे।

NPCI की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, नया सिस्टम देशभर में रेकरिंग पेमेंट्स (Recurring Payments) को अधिक बेहतर बनाएगा। साथ ही, तकनीक और साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कई अहम अपग्रेड लाएगा।

क्या है NACH सिस्टम?


नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) एक केंद्रीकृत क्लियरिंग सिस्टम है। यह बैंकों को सैलरी, सरकारी सब्सिडी, लोन की किस्त, इंश्योरेंस प्रीमियम और SIP जैसे नियमित ट्रांजेक्शन प्रोसेस करने की सुविधा देता है। करोड़ों यूजर्स रोजाना इस सिस्टम पर निर्भर रहते हैं।

अगर आसान शब्दों में कहें, तो NACH सिस्टम के जरिए कंपनियां, सरकारी संस्थान या कोई भी एजेंसी बहुत से लोगों के बैंक खातों में एक साथ पैसे भेज सकती है या उनके खातों से पैसे ऑटोमैटिक तरीके से काट सकती है। जैसे कि हर महीने आपकी सैलरी आपके बैंक खाते में आती है। आपका EMI, बिजली का बिल, इंश्योरेंस प्रीमियम आदि NACH के जरिए ऑटोमैटिक कटता है।

क्या-क्या नया है NACH 3.0 में?

NPCI ने बताया है कि नया वर्जन पूरी तरह री-डिजाइन्ड ग्राफिकल इंटरफेस (GUI) और बेहतर बैक-एंड पर आधारित होगा। इसमें कुछ खास सुधार किए गए हैं:

  • क्रेडिट ट्रांजेक्शन जैसे सैलरी और सब्सिडी की प्रोसेसिंग और ज्यादा तेज होगी।
  • ईएमआई और SIP जैसे डेबिट ट्रांजेक्शन का क्लियरेंस पहले से जल्दी होंगे।
  • बैंकों के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग वाला नया डैशबोर्ड रहेगा।
  • यूजर खुद से अकाउंट बना सकेंगे या पासवर्ड रीसेट कर सकेंगे, एडमिन की जरूरत नहीं होगी।
  • शिकायतों की प्रक्रिया और आसान होगी, बैंकों की ओर से NPCI मैट्रिक्स को सीधे अपडेट किया जा सकेगा।

साइबर सिक्योरिटी के लिए बड़े कदम

NPCI ने NACH 3.0 में सिक्योरिटी सिस्टम को भी ठोस बनाने के उपाय किए हैं, ताकि लेनदेन पूरी तरह सुरक्षित रहे।

  • GUI और होस्ट-टू-होस्ट (H2H) दोनों चैनलों पर पूरी तरह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन।
  • हर यूजर के लिए अनिवार्य मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA)।
  • रोल-बेस्ड एक्सेस कंट्रोल, जिससे डेटा का दुरुपयोग रोका जा सके।
  • सिर्फ PGP एन्क्रिप्टेड फाइल डाउनलोड की अनुमति, प्लेन टेक्स्ट (Plain Text) डाउनलोड बंद।
  • रियल टाइम अलर्ट और बेहतर ऑडिट ट्रेल्स, जिससे किसी भी अनियमितता का तुरंत पता लगाया जा सके।

NPCI का कहना है कि ये सभी फीचर डेटा गोपनीयता (confidentiality) और ऑपरेशनल सेफ्टी (operational safety) सुनिश्चित करने के लिए हैं।

सिस्टम पर क्या कहते हैं इंडस्ट्री एक्सपर्ट?

Freo के को-फाउंडर और सीईओ कुनाल वर्मा (Kunal Varma) का मानना है कि नया अपडेट पेमेंट सिस्टम को ज्यादा बेहतर बनाएगा। उन्होंने कहा, "NACH 3.0 का रोलआउट रेकरिंग पेमेंट्स जैसे सैलरी, EMI और SIP को अधिक तेज और भरोसेमंद बनाएगा। इससे प्रोसेसिंग में देरी घटेगी और बैंकों व उपभोक्ताओं दोनों के लिए ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ेगी। यह पूरे डिजिटल पेमेंट सिस्टम को मजबूत बनाएगा।"

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