Tax collection : आज 17 मार्च को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष में अब तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 13.1 फीसदी बढ़कर लगभग 21.27 लाख करोड़ रुपये हो रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल, 2024 से 16 मार्च, 2025 के बीच नेट कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन 9.69 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 9.05 लाख करोड़ रुपये रहा था। शुद्ध गैर-कॉर्पोरेट करों से प्राप्त राशि11.01 लाख करोड़ रुपये रही है। इसमें मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर शामिल होता है।
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) से होने वाला नेट कलेक्शन इस वित्त वर्ष में अब तक 53,095 करोड़ रुपये रहा है। जबकि पिछले सास इसी अवधि में यह 34,131 करोड़ रुपये रहा था। इस अवधि के दौरान 4.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड जारी किया गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 32.51 फीसदी ज्यादा है। 1 अप्रैल से 12 जनवरी के बीच ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 16.2 फीसदी बढ़कर 25.87 लाख करोड़ रुपये हो गया।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स से 22.07 लाख करोड़ रुपये जुटाने करने का लक्ष्य रखा है। इसमें 10.2 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन, 11.87 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स और दूसरे टैक्स कलेक्शन शामिल हैं।
उम्मीद है कि मजबूत टैक्स कलेक्शन से केंद्र सरकार को इस साल के फिस्कल डेफिसिट के टारगेट को पूरा करने में मदद मिलेगी, जो कि जीडीपी का 4.9 फीसदी है। इससे सरकार को फिस्कल कंसोलीडेश की अपनी गति को बनाए में मदद मिलेगी। केंद्र ने वित्त वर्ष 2026 में फिस्कल डेफिसिट को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 फीसदी के भीतर रखने का लक्ष्य रखा है।
दिसंबर महीने,CBDT ने एक इलेक्ट्रॉनिक कैंपेन शुरू किया था, जिसमें करदाताओं को थर्ड पॉर्टी द्वारा टैक्स डिपॉर्टमेंट को बताए गए लेन-देन और उनके आयकर रिटर्न में बताए गए लेन-देन के बीच विसंगतियों को ठीक करने के लिए प्रेरित किया गया था। इस अभियान ने उन व्यक्तियों को भी टारगेट किया जिनकी कर योग्य आय है या जिन्होंने काफी हाई वैल्यू वाले लेनदेन किए हैं, लेकिन टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया है। टेक्नोलॉजी के व्यापक इस्तेमान, डेटा कलेक्शन तथा स्रोत पर करों के कलेक्शन या कटौती से टैक्स विभाग को टैक्स कलेक्शन बढ़ाने में मदद मिल रही है।