NPS Exit Rules: 60 साल की उम्र से पहले भी एनपीएस से निकाल सकते हैं पैसे, जानिए क्या हैं इसके नियम
NPS का मकसद भले ही रिटायरमेंट के बाद सब्सक्राइबर के लिए रेगुलर इनकम का इंतजाम करना है, लेकिन इनवेस्टमेंट पीरियड में जरूत पड़ने पर सब्सक्राइबर को कुछ पैसे या पूरे पैसे निकाल लेने की इजाजत है। PFRDA ने इसके लिए कुछ नियम और शर्तें तय की हैं
NPS में निवेश से लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार हो जाता है, जो रिटायरमेंट के बाद बहुत काम आता है। साथ ही हर महीने पेंशन के रूप में रेगुलर इनकम भी होती है।
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) रिटायरमेंट बाद के खर्चों के लिए सेविंग्स का सबसे अच्छा विकल्प है। यह सरकार की स्कीम है, जिससे इसमें निवेश पूरी तरह सुरक्षित है। इसमें निवेश करने पर लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार हो जाता है, जो रिटायरमेंट के बाद बहुत काम आता है। साथ ही हर महीने पेंशन के रूप में रेगुलर इनकम भी होती है।
लेकिन,ये फायदे सब्सक्राइबर के 60 साल के हो जाने के बाद मिलते हैं। इसलिए कई लोग NPS में निवेश नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि बीच में पैसे की जरूरत पड़ने पर NPS में जमा पैसा उनके काम नहीं आएगा। लेकिन, यह सच नहीं है। सब्सक्राइबर के 60 साल के होने से पहले एनपीएस से पैसे निकालने की इजाजत है। आइए जानते हैं इसके लिए क्या नियम और शर्तें हैं।
1. आंशिक निकासी (Partial Withdrawal)
NPS अकाउंट ओपन करने के तीन साल बाद ही सब्सक्राइबर को कुछ पैसे निकालने की इजाजत है। शर्त यह है कि सब्सक्राइबर अपने कुल कंट्रिब्यूशन का 25 फीसदी पैसा निकाल सकता है। इसमें एंप्लॉयर का कंट्रिब्यूशन शामिल नहीं होगा। PFRDA ने कुछ खास स्थितियों में 25 फीसदी कंट्रिब्यूशन निकालने की इजाजत दी है।
-हायर एजुकेशन: सब्सक्राइबर अपनी या अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए पैसा निकाल सकता है।
-शादी: सब्सक्राइबर अपनी या अपने बच्चों की शादी के लिए यह पैसा निकाल सकता है।
-घर खरीदने: अगर सब्सक्राइबर के पास अपना घर नहीं है तो वह घर खरीदने के लिए पैसा निकाल सकता है।
-इलाज के लिए: सब्सक्राइबर खुद, अपनी पत्नी/पति या बच्चों के इलाज के लिए पैसा निकाल सकता है। लेकिन, सिर्फ कैंसर, किडनी और दिल की बीमारी जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए यह पैसा निकाला जा सकता है।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि एनपीएस के पीरियड में सब्सक्राइबर को तीन बार आंशिक निकासी की इजाजत है। एक से दूसरी निकासी के बीच कम से कम 5 साल का फर्क होना चाहिए।
2. प्रीमैच्योर एग्जिट (60 साल की उम्र से पहले निकासी)
सब्सक्राइबर अगर किसी वजह से 60 साल की उम्र से पहले एनपीएस से पैसे निकालना चाहता है तो अकाउंट ओपन होने के 10 साल के बाद वह पैसे निकाल सकता है। लेकिन, इसके लिए कुछ शर्तें हैं।
-कॉर्पस के 80 फीसदी का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने के लिए होना चाहिए। इस एन्युटी से आपको हर महीने पेंशन मिलेगी।
-कॉर्पस यानी कुल तैयार फंड का 20 फीसदी एकमुश्त निकालने की इजाजत है।
इसका मतलब है कि अगर सब्सक्राइबर 10 साल के बाद अपने पैसे निकाल लेना चाहता है तो उसे तैयार कुल फंड के 80 फीसदी का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने के लिए करना होगा। इससे उसे हर महीने पेंशन मिलेगी, जो एनपीएस में निवेश का मुख्य मकसद है।
3. 60 साल से पहले निधन पर एग्जिट
अगर सब्सक्राइबर का निधन 60 साल की उम्र से पहले हो जाता है तो उसका नॉमिनी या कानूनी वारिस एनपीएस में जमा पूरा पैसा एकमुश्त निकाल सकता है। ऐसी स्थिति में एन्युटी खरीदने की जरूरत नहीं रह जाती है। इससे सब्सक्राइबर के परिवार को पूरा पैसा एकमुश्त मिल जाता है।
4. टैक्स कितना लगेगा?
तय समय से पहले पैसे निकालने पर लागू होने वाले टैक्स के नियमों को समझन जरूरी है। एनपीएस कॉपर्स से आंशिक यानी 25 फीसदी तक निकासी टैक्स-फ्री है। अगर सब्सक्राइबर तय समय से पहले पूरा पैसा निकालना चाहता है तो 20 फीसदी एकमुश्त अमाउंट पर टैक्स लगेगा। ध्यान रखें कि समय से पहले पूरे पैसे निकालने की स्थिति में 20 फीसदी ही पैसा एकमुश्त निकालने की इजाजत है। बाकी पैसे से आपको एन्युटी खरीदना होगा। एन्युटी से मिलने वाली पेंशन पर सब्सक्राइबर के इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।
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60 साल की उम्र पूरी होने से पहले पैसे निकालने के उपर्युक्त नियमों से यह साफ हो जाता है कि PFRDA ने सब्सक्राइबर को जरूरी होने पर पैसे निकालने की इजाजत दी है। लेकिन, उसने यह भी ध्यान में रखा है कि एनपीएस में निवेश का सब्सक्राइबर का मुख्य मकसद रिटायरमेंट के बाद रेगुलेटर इनकम होना चाहिए।