कई बार क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाला खर्च लिमिट से ज्यादा हो जाता है। कई लोग अनजाने में ऐसा कर देते हैं, जबकि कुछ लोग मजबूरी में ऐसा करते हैं। सभी बैंक अपने क्रेडिट कार्ड पर लिमिट से ज्यादा खर्च करने की इजाजत नहीं देते हैं। कुछ बैंक देते हैं लेकिन इसके लिए वे फीस वसूलते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्राहक को लिमिट से ज्यादा खर्च नहीं करने की कोशिश करनी चाहिए। इससे एक तो ग्राहक को एक्स्ट्रा फीस चुकानी होती है। दूसरा, इसका असर ग्राहक के क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।
कुछ बैंक लिमिट से ज्यादा इस्तेमाल की इजाजत देते हैं
कुछ बैंक अपने चुनिंदा ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट से ज्यादा खर्च करने की इजाजत देते हैं। यह सुविधा खासकर उन ग्राहकों को मिलती है, जिनकी रिपेमेंट हिस्ट्री अच्छी होती है और जो कार्ड का इस्तेमाल जिम्मेदारीपूर्वक करते हैं। इसके अलावा बैंक ग्राहक का क्रेडिट स्कोर भी देखते हैं। ऐसे ग्राहकों के कार्ड पर पहले से ओवर-लिमिट ट्रांजेक्शन एप्रूव्ड होता है।
लिमिट से ज्यादा खर्च पर फीस वसूलते हैं बैंक
मजबूरी में क्रेडिट कार्ड के जरिए लिमिट से ज्यादा खर्च किया जा सकता है। लेकिन, आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। ज्यादा क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाली कंपनियां या बैंक ओवर-लिमिट फीस वसूलती हैं। यह फीस 500-1000 रुपये या लिमिट से ज्यादा खर्च के अमाउंट का कुछ फीसदी हो सकती है। इसका मतलब है कि लिमिट से ज्यादा खर्च करना ग्राहक के लिए महंगा सौदा है।
क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है खराब असर
तीसरी अहम बात यह है कि लिमिट से ज्यादा खर्च क्रेडिट कार्ड पर करने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर खराब असर पड़ सकता है। क्रेडिट स्कोर पर क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो का असर पड़ता है। इस रेशियो का ज्यादा होने का मतलब है कि ग्राहक अपनी ज्यादातर जरूरतें पूरी करने के लिए क्रेडिट यानी कर्ज पर निर्भर है। बैंक या एनबीएफसी इसे अच्छा नहीं मानते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 30 फीसदी क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो क्रेडिट स्कोर के लिए अच्छा माना जाता है।
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बैंक से क्रेडिट लिमिट बढ़ाने को कह सकते हैं
अगर कई बार ऐसी स्थितियां आती हैं जब आपको क्रेडिट कार्ड पर लिमिट से ज्यादा खर्च करने को मजबूर होना पड़ता है तो आप बैंक से कार्ड की लिमिट बढ़ाने को कह सकते हैं। इससे आपको लिमिट से ज्यााद खर्च पर अतिरिक्त फीस चुकाने की जरूरत नहीं पड़ती है। जिन ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है और रिपेमेंट हिस्ट्री अच्छी होती है, उनकी क्रेडिट लिमिट खुद ही बैंक बढ़ाने का ऑफर देते रहते हैं।