कैब एग्रीगेटर्स ने कैब बुकिंग पर एडवांस टिप के ऑप्शन को हटाने से इनकार कर दिया है। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी के नोटिस के बावजूद कैब एग्रीगेटर्स इस ऑप्शन को हटाने के लिए तैयार नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक अब CCPA ने इसकी जांच शुरू कर दी है और जल्दी ही कंपनियों पर पेनल्टी लगाई जा सकती है। इस पर और ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने बताया कि कैब बुकिंग पर एडवांस टिप मांगने का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है।
कैब एग्रीगेटर्स का कहना है कि ये अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस नहीं है। ग्राहकों के पास एडवांस टिप से इनकार करने का विकल्प खुला है। उधर इस मुद्दे पर CCPA ने कंपनियों के दावों की जांच शुरू कर दी है। अगले हफ्ते तक कंपनियों की जांच पूरी हो सकती है। जांच पूरी होने के बाद कंपनियों पर पेनल्टी संभव है। 16 मई को CCPA ने कंपनियों को नोटिस भेजा था। ओला, उबर और रैपिडो को CCPA ने नोटिस भेजा था।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कैब एग्रीगेटर्स को तेज सेवा के लिए एडवांस टिप मांगने के लिए ये नोटिस जारी किया था। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी इस सिस्टम को अनैतिक और शोषणकारी बताया था। प्रह्लाद जोशी ने X पर इस प्रथा को “अनैतिक” और “शोषणकारी” बताते हुए कहा था कि तेज सेवा के लिए यात्रियों को एडवांस टिप देने के लिए मजबूर करना अनफेयर ट्रैड प्रैक्टिस के दायरे में आता है। सेवा के बाद दी जाने वाली टिप सराहना का प्रतीक हो सकती है, लेकिन यह अधिकार नहीं बन सकती।
क्या है एडवांस टिप का मामला?
कैब एग्रीगेटर्स के ऐप पर कैब बुक करते समय यूजर्स को तेज पिकअप और ड्राइवर द्वारा सवारी स्वीकारने की अधिक संभावना के नाम पर 50, 75 या 100 रुपए की एडवांस टिप देने का विकल्प मिलता है। ऐप पर लिखा होता है कि तेजी से पिकअप के लिए टिप जोड़ें। यदि आप टिप जोड़ते हैं तो ड्राइवर द्वारा इस सवारी को स्वीकार करने की अधिक संभावना हो सकती है। ऐप में ये भी बताया जाता है कि टिप की ये पूरी राशि सीधे ड्राइवर को दी जाएगी और एक बार टिप जोड़ने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता।