GST on old gold jewellery: सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं। ऐसे में बहुत से लोग अपने पुराने गहने बेचकर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं। लेकिन जब ज्वैलर को गहने बेचने की बात आती है, तो सबसे बड़ा सवाल यही होता है- क्या पुराने सोने को बेचने पर GST देना पड़ता है? जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि बेचने वाला कौन है।
नए सोने पर GST कैसे लगता है?
जब आप नया सोने का गहना खरीदते हैं, तो उस पर 3% GST देना पड़ता है। यह टैक्स 22 कैरेट और 24 कैरेट दोनों तरह के सोने पर लागू होता है। लेकिन जब बात पुराने गहनों की बिक्री की आती है, तो GST के नियम बदल जाते हैं।
पुराने गहनों की बिक्री पर GST
पुराने गहनों को बेचने के मामले में GST के अलग-अलग नियम हैं। यहां GST लगेगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि गहने बेच कौन रहा है।
रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) क्या है?
GST लागू होने के शुरुआती दौर में, जुलाई 2017 में सरकार ने रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) को लेकर स्पष्टीकरण दिया था। आम तौर पर टैक्स भरने की जिम्मेदारी विक्रेता की होती है, लेकिन RCM के तहत यह जिम्मेदारी खरीदार पर आ जाती है।
CGST Act, 2017 की धारा 9(4) के मुताबिक, अगर कोई अनरजिस्टर्ड विक्रेता किसी रजिस्टर्ड खरीदार को सामान बेचता है, तो खरीदार को GST रिवर्स चार्ज के तहत भरना पड़ता है।
लेकिन यहां एक महत्वपूर्ण छूट है। सरकार ने साफ कहा था कि अगर कोई आम व्यक्ति, जो सोने की खरीद-फरोख्त के बिजनेस में नहीं है, अपना पुराना गहना बेच रहा है, तो यह GST के तहत 'सप्लाई' नहीं माना जाएगा। इसलिए उस पर GST नहीं लगेगा।
बेचने वाला अनरजिस्टर्ड गोल्ड डीलर हो तो?
यहां मामला बदल जाता है। अगर कोई अनरजिस्टर्ड गोल्ड डीलर अपना सोना किसी रजिस्टर्ड ज्वैलर को बेचता है, तो उस पर GST लागू होगा। इस स्थिति में GST की जिम्मेदारी ज्वैलर की होगी, जिसे रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत टैक्स चुकाना पड़ेगा। लेकिन, अगर कोई आम व्यक्ति गहना बेच रहा है, तो उसे बिल्कुल भी GST की चिंता नहीं करनी चाहिए।