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Minimum Balance In Bank Accounts: अगर आपके खाते का भी बैलेंस है 0 तो डरने की नहीं है बात... अब इन 8 बैंकों में मिनिमम बैलेंस का झंझट खत्म!

Minimum balance waiver banks: भारतीय ओवरसीज बैंक ने बचत खातों में न्यूनतम औसत शेष राशि (MAB) न रखने पर लगने वाले जुर्माने को 1 अक्टूबर 2025 से पूरी तरह माफ कर दिया है। यह फैसला खासकर छोटे खाताधारकों और पेंशनधारकों को वित्तीय राहत देने और बैंकिंग को सभी के लिए आसान बनाने की दिशा में लिया गया है।

अपडेटेड Oct 02, 2025 पर 6:14 PM
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भारतीय ओवरसीज बैंक ने देश के करोड़ों ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। बैंक ने बचत खातों (सार्वजनिक स्कीम) में न्यूनतम औसत शेष राशि (MAB) न रखने पर लगाए जाने वाले पेनल्टी शुल्क को तत्काल प्रभाव से पूरी तरह से माफ कर दिया है। इससे पहले यह शुल्क केवल कुछ विशेष योजनाओं जैसे IOB सिक्स्टी प्लस, पेंशनर खाते, वेतन पैकेज और छोटे खातों में ही माफ था, लेकिन अब यह सुविधा सभी सामान्य बचत खातों पर लागू कर दी गई है। बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह कदम ग्राहकों पर अनावश्यक वित्तीय दबाव को कम करने और बैंकिंग को सभी के लिए आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

इस निर्णय का खास फायदा उन ग्राहकों को होगा जो आर्थिक मजबूरी या असावधानी के कारण अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रख पाते थे और जिसका भुगतान अक्सर पेनल्टी के रूप में करना पड़ता था। बैंक ने स्पष्ट किया है कि 30 सितंबर 2025 तक लागू पुराने नियमों के तहत जो भी शुल्क लगे हैं, वे अब भी वैध रहेंगे, लेकिन इसकी अवधि समाप्त होने के बाद नए नियम के तहत लाभ मिलेगा। इस नई नीति से खास तौर पर छोटे खाताधारकों और पेंशनधारकों को राहत मिलेगी, जो न्यूनतम बैलेंस के कारण जुर्माना देते थे। इसके अलावा, बैंक का यह फैसला वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और ग्राहक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारतीय ओवरसीज बैंक का यह बदलाव त्योहारी सीजन में ग्राहकों के लिए राहत भरा संदेश लेकर आया है, जिससे बैंकिंग सेवाएं सरल और तनावमुक्त होंगी। बैंक ने यह भी कहा है कि वह लगातार अपने डिजिटल और ग्रीटिंग प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ग्राहकों को इस बदलाव की जानकारी देगा ताकि वे बिना किसी परेशानी के इसका लाभ उठा सकें। इस पहल से भारत में बैंकिंग क्षेत्र में और सुधार की उम्मीद बढ़ी है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी बैंकिंग जरूरतें छोटी या अनियमित होती हैं, और जो अक्सर न्यूनतम औसत शेष राशि बनाए रखने में असमर्थ रहते हैं।

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