Personal Loan EMI Planning: मेडिकल इमरजेंसी, शादी या किसी अन्य जरूरत के चलते कई बार पर्सनल लोन लेना जरूरी हो जाता है। जब भी कोई शख्स पर्सनल लोन लेने की योजना बनाता है, तो सबसे अहम फैसलों में से एक होता है लोन की अवधि (tenure) तय करना।
Personal Loan EMI Planning: मेडिकल इमरजेंसी, शादी या किसी अन्य जरूरत के चलते कई बार पर्सनल लोन लेना जरूरी हो जाता है। जब भी कोई शख्स पर्सनल लोन लेने की योजना बनाता है, तो सबसे अहम फैसलों में से एक होता है लोन की अवधि (tenure) तय करना।
यह अवधि सीधे तौर पर आपकी EMI (Equated Monthly Instalment) पर असर डालती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर लोन की अवधि लंबी हो, तो EMI कम बनती है। वहीं, छोटी अवधि में EMI ज्यादा चुकानी पड़ती है। ऐसे में सही संतुलन बैठाना जरूरी हो जाता है।
EMI घटानी हो तो लोन अवधि बढ़ाएं
EMI के हिसाब से आपके लोन की अवधि कम या अधिक हो जाती है। अब मान लीजिए आप ₹3 लाख का पर्सनल लोन 11% की सालाना ब्याज दर पर लेते हैं।
लोन अवधि घटाने-बढ़ाने का EMI पर असर
अगर आप EMI बढ़ा लेते हैं, तो ब्याज पर काफी पैसे बचा सकते हैं। इस चीज को आप नीचे दी गई टेबल में बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। अगर आप ₹3 लाख का पर्सनल लोन 11% सालाना ब्याज दर पर लेते हैं, तो उसे 2 साल में चुकाने पर सिर्फ ₹35,592 ब्याज देना होगा। लेकिन, अगर आप अवधि बढ़ाकर 5 साल कर लेंगे, तो आपकी EMI बेशक कम हो जाएगी। लेकिन, ब्याज के तौर पर आपको ₹91,320 देने होंगे यानी ₹55,728 अधिक।
लोन अवधि (Tenure) | मासिक EMI (₹) | कुल भुगतान (₹) | कुल ब्याज (₹) |
2 साल (24 महीने) | ₹13,983 | ₹3,35,592 | ₹35,592 |
3 साल (36 महीने) | ₹9,821 | ₹3,53,556 | ₹53,556 |
4 साल (48 महीने) | ₹7,754 | ₹3,72,192 | ₹72,192 |
5 साल (60 महीने) | ₹6,522 | ₹3,91,320 | ₹91,320 |
नोट: यह कैलकुलेशन ₹3 लाख के पर्सनल लोन पर 11% ब्याज दर के हिसाब से की गई है। ब्याज दर बैंक और क्रेडिट स्कोर जैसे कई पहलुओं के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है।
कम समय में लोन निपटाने के लिए बढ़ाएं EMI
अब मान लीजिए आप ₹7 लाख का लोन 11% ब्याज दर पर लेना चाहते हैं। इस स्थिति में 4 साल की अवधि में EMI ₹18,092 बनती है। अगर आप इसे 2 साल में चुकाना चाहें, तो EMI बढ़कर ₹32,621 हो जाएगी। वहीं, 18 महीने की अवधि चुनने पर EMI और भी बढ़कर ₹42,444 तक जा सकती है।
प्रीपेमेंट चार्ज का रखें ध्यान
अगर आप तय अवधि से पहले पर्सनल लोन चुकाना चाहते हैं, तो बैंक प्रीमैच्योर क्लोजर चार्ज वसूल सकता है। यह चार्ज बकाया मूलधन का 2% से 4% तक हो सकता है, जिस पर GST भी लगेगा। इसलिए लोन लेने से पहले बैंक की शर्तें जरूर पढ़ लें। अगर कोई कन्फ्यूजन हो, तो उसे उसी वक्त पूछ कर दूर कर लें।
क्या है एक्सपर्ट की सलाह?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का मानना है कि EMI का प्लान बनाते समय आपकी मासिक आमदनी और खर्चों का संतुलन जरूर ध्यान में रखें। EMI कैलकुलेटर के जरिए लोन की अवधि और किस्त पहले से तय करना समझदारी होती है। अगर मुमकिन हो, तो प्रीपेमेंट का विकल्प भी खुला रखें ताकि ब्याज में बचत हो सके।
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